सामान्य ज्ञान
फिलीपींस में तबाही मचाने वाला हैयान तूफान रिकॉर्डों के मुताबिक अब तक का सबसे शक्तिशाली तूफान है। वैज्ञानिकों को लगता है कि जलवायु परिवर्तन तूफानों को और ताकतवर बना रहा है। हालांकि वो अभी तक इस बात पर पूरी तरह से यकीन नहीं कर रहे हैं।
तूफान, आंधी और चक्रवात, तीनों नाम सागर में उठने वाले बवंडर के लिए हैं। उत्तरी अमेरिका के तटीय इलाकों में आने वाले बवंडर को हरिकेन कहा जाता है। पूर्वी और दक्षिण पूर्व एशिया में आने वाले बवंडरों को तूफान कहा जाता है जबकि भारत में इसे चक्रवात का नाम दिया गया है। हालांकि नाम अलग होने के बाद भी वो एक ही तरह से विकसित होते हैं। उष्णकटिबंधीय तूफान समंदर के ऊपर बनता है जहां पानी का तापमान कम से कम 26 डिग्री होता है और गर्म पानी भाप में तब्दील होता रहता है। भांप बना पानी संघनित होता है और हवा गर्म हो जाती और अपने साथ ठंडी हवा को खींचने लगती है। इस के बाद तूफान आता है। पृथ्वी के परिक्रमण के कारण तूफानी हवा 50 किलोमीटर चौड़ी तूफान की आंख के चारों तरफ घूमती हैं। आंखों का अंदरूनी हिस्सा बादल रहित और करीब करीब बिना हवा का होता है। जब एक बवंडर तट से टकराता है तो उसकी ताकत गर्म पानी के अभाव में कम हो जाती है। बवंडर के साथ समुद्र से उठा पानी अक्सर भारी तबाही मचाता है। अगस्त 2011 में चीन में नानमदोल बवंडर ने भारी तबाही मचाई थी।
अटलांटिक महासागर के तूफानों में हरिकेन सैंडी सबसे ज्यादा ताकतवर था। सैंडी से लहरें 4 मीटर ऊपर तक उठी, कई पेड़ उखड़ गए, बिजली सप्लाई ठप हो गई और कई जगह आग लग गई। 145 किलोमीटर की रफ्तार वाले सैंडी ने क्यूबा, न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी सहित कई देशों में तबाही मचाईटोर्नेडो ऐसे चक्रवात हैं जो वहां आ सकते हैं जहां आंधी आई हो। स्थानीय तापमान में अंतर के कारण गर्म हवा ऊपर और ठंडी हवा नीचे आती है। गर्म हवा का कॉलम बढ़ती हुई गति से ऊपर उठता है. इसका व्यास अधिकतर एक किलोमीटर तक होता है। हर चीज उखाडऩे वाला कई किलोमीटर तक एक ही ताकत के साथ चलता है। मध्य पश्चिमी अमेरिका में यह साल में कई बार आता है।