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देश के शीर्ष निजी डाइग्नोस्टिक लैब्स में से एक लैब के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि देश के कुछ ज़िलों में सरकारी प्रशासन कोरोना वायरस की टेस्टिंग की प्रक्रिया 'नियंत्रित' करने की कोशिशों में लगे हुए हैं ताकि 'अच्छा स्कोरकार्ड' दिखाया जा सके.
इंडियन एक्सप्रेस अख़बार की एक रिपोर्ट में थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज़ के मैनेजिंग डायरेक्टर और फ़ाउंडर ए. वेलुमनी के हवाले से कहा गया है कि कोरोना की जांच भले ही निजी लैब के लिए खोल दी गई हों लेकिन ज़िला स्तर पर सरकारें अभी भी निजी केंद्रों को नियंत्रित कर रही हैं.
उन्होंने कहा, "यह आज पहले से भी कहीं ज़्यादा हो रहा है. हमसे कहा जा चुका है कि हम विभिन्न राज्यों के कई ज़िलों में सैंपल न लें क्योंकि हम ग़लत तरीक़े से पॉज़िटिव मामले दिखा रहे हैं."
थायरोकेयर देश में शीर्ष पांच डायग्नोस्टिक सेंटर में शामिल है और महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे कोरोना से सबसे प्रभावित राज्यों में सैंपल इकट्ठा कर रहा है.
वेलुमनी कहते हैं, "कम से कम 100 ज़िलों में हमारे रोज़ाना 2,000 सैंपल कम हो रहे हैं क्योंकि एक मंशा बिलकुल साफ़ है कि वे अधिक पॉज़िटिव मामलों का स्कोर कार्ड नहीं दिखाना चाहते हैं. वे एक अच्छा स्कोर कार्ड दिखाना चाहते हैं."(bbc)