राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर | आतंकी फंडिंग केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपना दायरा बढ़ाते हुए कश्मीर के बाद दिल्ली में भी छापेमारी की है. इस केस में जांच एजेंसी ने बुधवार को श्रीनगर के 10 ठिकानों और बेंगलुरू के एक ठिकाने पर छापेमारी की थी.
गुरुवार को एनआईए ने छह गैर लाभकारी संगठन, ट्रस्ट और नौ दूसरे स्थानों पर छापेमारी की जिसमें दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन जफरुल इस्लाम खान की संपत्ति भी शामिल है. जिन छह एनजीओ पर एनआईए ने छापे मारे हैं वे हैं-फलाह-ए-आम ट्रस्ट, चैरिटी एलायंस, ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन, जेके यतीम फाउंडेशन, साल्वेशन मूवमेंट और जेएंडके वॉयस फॉर विक्टिम्स. श्रीनगर के साथ-साथ जांच एजेंसी ने दिल्ली में भी छापे मारे. यह छापेमारी एक साथ की गई और बताया जा रहा है कि यह सीमा पार से होने वाली आतंकी फंडिंग की जांच के सिलसिले में की जा रही है.
एनआईए की टीम ने गुरुवार सुबह कश्मीर में अलग-अलग स्थानों पर एक साथ छापे मारे. चैरिटी एलायंस और ह्यूमन वेलफेयर फाउंडेशन दिल्ली स्थित एनजीओ है और बाकी श्रीनगर में है. जफरुल इस्लाम खान मिल्ली गजट अखबार के संस्थापक संपादक हैं और चैरिटी एलांसय के चेयरमैन हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली के जामिया नगर में चैरिटी एलायंस के कार्यालय की तलाशी एनआईए ने ली है. जफरुल इस्लाम खान उस समय चर्चा में रहे जब सोशल मीडिया पर एक बयान को लेकर उनके ऊपर देशद्रोह का आरोप लगाया गया जिसके बाद 2 मई को दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
गैर सरकारी संगठनों और ट्रस्टों पर धर्मार्थ गतिविधियों के नाम पर भारत और विदेशों से धन जुटाकर और फिर कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है. हालांकि इस छापेमारी से घाटी के राजनीतिक दल नाराज हैं और इसकी आलोचना भी कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि एनआईए केंद्र की पालतू एजेंसी बन गई और असहमति जताने वाले पर कार्रवाई करती है.
बुधवार को ग्रेटर कश्मीर अखबार के दफ्तर और एक पत्रकार के घर पर भी छापे मारे गए थे. कश्मीर एडिटर्स गिल्ड ने ग्रेटर कश्मीर अखबार के दफ्तर पर छापेमारी पर चिंता जताते हुए एक बयान भी जारी किया है. कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन का कहना है कि अखबार के दफ्तर पर छापे मारकर सरकार "हमारी फुसफुसाहट को भी बंद करने की कोशिश कर रही है."
एनआईए ने बुधवार को श्रीनगर और बांदीपुर में 10 स्थानों और बेंगलुरु में एक स्थान पर छापेमारी की थी. एनआईए ने जम्मू और कश्मीर सिविल सोसाइटी के कोर्डिनेटर खुर्रम परवेज के निवास और दफ्तर में तलाशी ली थी. इसके अलावा खुर्रम परवेज के साथी परवेज अहमद बुखारी (पत्रकार), एक्टिविस्ट परवेज अहमद मटका और बेंगलुरु स्थित सहयोगी स्वाति शेषाद्री, परवीना अहंगर के ठिकानों की भी तलाशी ली थी.
एनआईए ने 8 अक्टूबर को आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. उसी के तहत ये कार्रवाई की जा रही है. एजेंसी का दावा है कि छापों में कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं.