अंतरराष्ट्रीय
फ़्रांस के नीस शहर के एक चर्च में गुरुवार को एक शख़्स ने चाक़ू से हमला किया जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई.
फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इसे 'इस्लामी आतंकवादी हमला' बताया है.
उन्होंने कहा कि फ़्रांस अपने बुनियादी मूल्यों का समर्पण नहीं करेगा.
अधिकारियों के मुताबिक़, नीस में हुए हमले में एक बूढ़ी महिला का 'सिर काट' दिया गया जबकि एक पुरुष और एक महिला की भी मौत हुई है.
संदिग्ध हमलावर को गोली मारी गई है और उसे हिरासत में लिया गया है.
आतंक-विरोधी अभियोजकों ने इस हमले की जांच शुरू कर दी है और फ़्रांस ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर रेड अलर्ट घोषित कर दिया है.
फ़्रांस के मुख्य आतंकवाद-विरोधी अभियोजक ज़्यां फ़ोंसा हिकाख़ ने बताया है कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में हमलावर गंभीर रूप से घायल हुआ है.
कौन है हमलावर
हिकाख़ का कहना है कि संदिग्ध 21 वर्षीय ट्यूनीशियाई नागरिक है जो इस महीने की शुरुआत में फ़्रांस आया था. उसके पास इटली के रेड क्रॉस द्वारा जारी किए गए दस्तावेज़ थे.
पुलिस सूत्रों ने हमलावर का नाम ब्राहिम एइसोई बताया है. उनका कहना है कि वो व्यक्ति सितंबर में ट्यूनीशिया से नाव के ज़रिए इटली के लैम्पेडूसा द्वीप पर पहुंचा था.
कोरोना वायरस के कारण क्वारंटीन का समय पूरा करने के बाद उसे इटली छोड़ने के लिए कहा गया था.
नीस के मेयर क्रिश्चियन एस्ट्रोसी ने घटना को 'इस्लामी फ़ासीवाद' बताते हुए कहा कि संदिग्ध हमलावर बार-बार 'अल्लाहू अकबर' (अल्लाह महान है) चिल्ला रहा था.
हिकाख़ ने बताया है कि हमलावर के पास से एक क़ुरान, दो टेलीफ़ोन और एक 12 इंच लंबा चाक़ू मिला है.
उन्होंने कहा, "हमलावर का एक बैग भी हमें मिला है. इस बैग में दो और चाक़ू थे जिनका इस्तेमाल नहीं हुआ था."
इस हमले के अलावा गुरुवार को ही फ़्रांस और सऊदी अरब में एक-एक हमला हुआ.
दक्षिणी फ़्रांसीसी शहर एविन्यू के नज़दीक मोंफ़ेवे में एक शख़्स को गोली मारी गई है क्योंकि वो हैंडगन से पुलिस को धमकी दे रहा था. इसमें उसकी मौत हो गई है.
वहीं, सऊदी अरब के जेद्दा में फ़्रांस वाणिज्य दूतावास के बाहर एक सुरक्षाकर्मी पर हमला किया गया. संदिग्ध हमलावर को हिरासत में लिया गया है जबकि सुरक्षाकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
फ़्रांस की धर्मनिरपेक्षता पर क्यों उठ रहे सवाल?
नीस के दौरे के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, "अगर हम पर एक बार फिर हमला होता है तो उसकी वजह हमारे मूल्य हैं: आज़ादी, हमारी धरती पर स्वतंत्र रहने और आतंक की किसी भावना को न पलने देना मुमकिन है."
"मैं साफ़तौर पर आज फिर कह देना चाहता हूं कि हम समर्पण नहीं करेंगे."
राष्ट्रपति ने कहा है कि सार्वजनिक जगहों की सुरक्षा के लिए देश में सुरक्षाकर्मियों की संख्या 3,000 से 7,000 की जाएगी.
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नीस के मेयर क्रिश्चियन एस्ट्रोसी ने इस हमले की तुलना हाल में शिक्षक सैमुएल पैटी की हुई हत्या से की है. इस महीने की शुरुआत में पेरिस में एक स्कूल के बाहर उनका सिर कलम कर दिया गया था.
नीस में हुए हमले का क्या उद्देश्य था यह अभी तक साफ़ नहीं है.
हालांकि, व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो में छपे पैग़ंबर मोहम्मद के कार्टून का बचाव करने पर कई मुस्लिम बहुल देशों में फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
कुछ देशों में फ़्रांस के सामान के बहिष्कार की भी मांग की गई है.
हमले के पीड़ित कौन हैं?
गुरुवार की सुबह चर्च में दिन की पहली प्रार्थना से पहले हुए हमले में तीन लोगों को निशाना बनाया गया.
चर्च के अंदर एक 60 वर्षीय महिला और एक 55 वर्षीय पुरुष की हत्या कर दी गई.
मारे गए पुरुष चर्च के रख-रखाव करने वाले स्टाफ़ के सदस्य थे.
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वहीं, दूसरी मारी गई महिला की आयु 44 वर्ष है. हमलावर ने उन्हें भी चाक़ूओं से गोदा था लेकिन वो भागकर पास के कैफ़े में चली गईं जहां पर उनकी मौत हुई.
इसके बाद एक चश्मदीद ने शहर में लगाए गए स्पेशल प्रोटेक्शन अलार्म को दबाया.
क्लोए नामक चश्मदीद चर्च के नज़दीक ही रहती हैं उन्होंने बीबीसी से कहा, "हमने सुना की कई लोग सड़क पर चिल्ला रहे हैं. हमने खिड़की से देखा, बहुत सारे पुलिसकर्मी आ रहे हैं और गोलियां चल रही हैं."
मुख्य आतंकवाद-विरोधी अभियोजक ने बताया कि घटनास्थल पर चार पुलिसकर्मी पहुंचे थे और उन्होंने हमलावर को गोली मारी और उसे हिरासत में ले लिया.
चार साल पहले नीस फ़्रांस में अब तक हुए सबसे भयानक जिहादी हमले का गवाह बना था.
14 जुलाई 2016 को एक ट्यूनीशियाई ट्रक ड्राइवर ने भीड़ पर ट्रक चढ़ा दिया था जिस घटना में 86 लोगों की मौत हुई थी.(bbc)