सामान्य ज्ञान
स्पेन से कैटलोनिया की स्वाधीनता से संबंधित प्रतीकात्मक रेफ्रेन्डम में 20 लाख से ज़्यादा लोगों के इसके पक्ष में मतदान के बाद स्पेन की सरकार ने वादा किया है कि वह कैटलोनिया की स्वाधीनता के लिए अपनी कोशिशें तेज़ करेगा।
कैटलोनिया की स्थानीय सरकार के प्रमुख आर्थर मास ने इस रेफ्रेडम की सराहना करते हुए इसे संपूर्ण एवं व्यापक सफलता की संज्ञा दी और कहा कि इस मतदान ने पूरी तरह स्पष्ट कर दिया कि हम अपना संचालन अपने हाथ में लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आधिकारिक रूप से रेफ्रेन्डम कराने की कोशिश कर रही है और इस पृष्ठिभूमि में स्पेन की सरकार को इस बात के लिए प्रेरित कर रही है कि वह इस रेफ्रेन्डम के आयोजन की अनुमति के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करे। आर्थर मास ने बल दिया कि हम एक क़ानूनी व बाध्यकारी रेफ्रेन्डम में भाग लेने के लायक़ हैं और इसी के लिए हम कोशिश कर रहे हैं।
कातालोन्या या कैटलोनिया स्पेन के 17 स्वायत्त समुदायों में से एक है। स्वायत्त समुदाय स्पेन का सबसे उच्च-स्तरीय प्रशासनिक विभाग होता है। कैटलोनिया देश के उत्तर-पूर्व में स्थित है और इसकी सीमा उत्तर में फ्रांस और अण्डोरा से छूती है। इसके पूर्व में भूमध्य सागर, पश्चिम में आरागोन और दक्षिण में वैलेंसियाई समुदाय है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा नगर बार्सिलोना है, जो स्पेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर व यूरोप के सबसे बड़े महानगरीय क्षेत्रों में से एक है। इसकी आधिकारिक भाषाओं में स्पेनी, कैटलन और ऑक्सिटन की उपभाषा आरानेस शामिल हैं।
कैटलोनिया स्पेन का सर्वाधिक उन्नत क्षेत्र है। इसके उत्तर में फ्रांस, दक्षिण में वालैंशिया प्रदेश, पूरब में भूमध्यसागर एवं पश्चिम में ऐरागांन का प्रदेश है। इसके अंतर्गत बार्सिलोना, टैरागोना, लेरेदा एवं हेरोना प्रांत हैं। इसके उत्तरी भाग में लगभग 10 हजार फुट ऊंची पीरेनीज पर्वत श्रेणियां फैली हैं। दक्षिणी भाग में कादी, मौंटसेनी, गबारीसय मौंटसेक, मौंटसेर्राट, लिना, मौंटस्टैंट एवं प्रेड्स आदि पर्वत श्रेणियां फैली हुई हैं। इन पर्वतमालाओं के बीच अनेक छोटी एवं उपजाऊ घाटियां हैं। दक्षिण पश्चिमी भाग में अंपूरदान एवं लेरेदा के मैदान हैं जिसमें एब्रो और उनकी सहायक सेग्र, फ्लूविया, टेर, लोवेगात, फ्रांकोली आदि नदियां बहती हैं। पूर्व में 300 किमी लंबा भूमध्य सागर का तटीय भाग हैं जिसमें मनोरम अंतरीप, खाडिय़ां ,भृगु (ष्द्यद्बद्घद्घ) आदि मिलते हैं।
इस भूभाग में जौ, गेहूं, राई, सन, अंगूर एवं अन्य फलों तथा चावल (डेल्टाई भागों में) की कृषि मुख्य हैं। पर्वताचंलों में पशुओं एवं भेड़-बकरियों का पालन मुख्य धंधा है। लोहा, कोयला, नमक, पोटाश एवं अन्य खनिज पदार्थों की उपलब्धि के कारण लौह इस्पात, इंजीनियरी, सूत और ऊनी वस्त्र एवं कागज आदि के कारखानें भी हैं।