सामान्य ज्ञान
एपेक यानी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन - प्रशान्त क्षेत्र के देशों का समूह है जो इन देशों के आर्थिक और राजनैतिक सम्बन्धों की प्रगाढ़ता को सुदृढ़ करने का मंच है। एपेक के निर्धारित लक्ष्यों में प्रमुख हैं -प्रशुल्क को शून्य और पांच के बीच रखकर एशिया-प्रशांत के विकसित देशों के लिए 2010 तक और विकासशील देशों के लिए 2020 तक मुक्त और खुला व्यापार और निवेश। वर्ष 2014 में चीन के बीजिंग में इसका शिखर सम्मेलन हो रहा है जिसमें पहली बार भारत भी भाग ले रहा है।
इस संगठन में चार महाद्वीपों से 21 सदस्य देश हैं । वर्ष 1989 के जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री होवर्ट ने दक्षिण कोरिया की यात्रा करने के दौरान सोल आह्वान प्रस्तुत किया और एपेक के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आयोजन करने का सुझाव प्रस्तुत किया, ताकि आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की समस्या पर विचार विमर्श किया जा सके । संबंधित देशों के साथ सलाह मश्विरा के बाद, ऑस्ट्रेलिया, अमरीका, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, कनाडा और तत्कालीन एशियान छह देशों ने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी खुम्बेला में एपेक के प्रथम मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस तरह से एपेक की औपचारिक स्थापना हुई।
वर्ष 1991 के नवम्बर में, दक्षिण कोरिया के सोल में एपेक के तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में पारित सोल घोषणा पत्र ने इस संगठन के लक्ष्यों व उद्देश्यों को औपचारिक रुप से निश्चित किया, यानी इस क्षेत्र की जनता के समान हितों के लिए आर्थिक वृद्धि व विकास को बरकरार रखना, सदस्य देशों के बीच आर्थिक आपसी आश्रय को बढ़ाना, बहुपक्षीय खुली व्यापारी व्यवस्था को मजबूत करना और क्षेत्रीय व्यापारी व पूंजी की भित्ति को कम करना है।