कारोबार
रायपुर, 13 नवंबर। कैट के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा घोषित किए गए तीसरे प्रोत्साहन पैकेज से देश भर के व्यापारी बहुत निराश हैं। उन्होंने व्यापारी समुदाय की नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है कि वित्त मंत्री द्वारा घोषित तीनों प्रोत्साहन पैकेज में एक भी पैसा व्यापारियों के लिए नहीं आवंटित किया गया है। ये न केवल व्यपारियो के साथ सौतेला व्यवहार है बल्कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल जैसी मुहिम के भी खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत के व्यापारियों से अधिक लोकल और कौन हो सकता है जो कि देश के 135 करोड़ लोगो से सीधे तौर पर जुड़े हैं।
श्री पारवानी ने कहा कि हमें भारत के व्यापारियों की ऐसी घोर उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है जो प्रति वर्ष 60 लाख करोड़ से अधिक का वार्षिक कारोबार कर रहे हैं और किसी भी महामारी या प्राकृतिक आपदा के मामले में हमेशा सबसे आगे रहते हैं। व्यापारी कोरोना महामारी से सबसे अधिक पीडि़त हैं और प्रोत्साहन पैकेज की सबसे पहले कि गई घोषणा के बाद से ही सरकार से किसी तरह के राहत पैकेज की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और वित्त मंत्री को व्यापारियों से कोई सहानुभूति नहीं है। यह विडंबना है कि अर्थव्यवस्था के अन्य सभी क्षेत्रों को सभी तीन पैकेजों में पर्याप्त रूप से समायोजित किया गया है, लेकिन व्यापारियों को अपने आप रोने के लिए छोड़ दिया गया।
श्री पारवानी ने बताया कि यह निश्चित रूप से भारत के व्यापारियों के साथ सौतेला व्यवहार है और अगर ऐसा ही रहा तो व्यापारियों को अपनी रणनीति तैयार करनी होगी। उन्होंने वित्त मंत्री से कहा कि वे यह घोषणा करें कि व्यापारी सरकार की प्राथमिकता में नहीं हैं। हम किसी भी भ्रम में नहीं रहना चाहते। वर्तमान स्थिति में, व्यापारी अपने दम पर विभिन्न लड़ाई लड़ रहे हैं और अभी तक सरकार ने अपने व्यापारियों को संभालने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है। चाहे चीनी सामान का बहिष्कार हो या ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ लड़ाई हो, जो खुलेआम सरकार के नियमों और कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं और देश के रिटेल व्यापार को खात्मे की कगार पर ला खड़ा किये है, सरकार ने कभी कोई सहायता नही की, आर्थिक मोर्चे पर भी हम सब कुछ अपने दम पर कर रहे हैं।