सामान्य ज्ञान
बहमनी सल्तनत (1317-1518) दक्कन का एक इस्लामी राज्य था । इसकी स्थापना 3 अगस्त 1347 को एक तुर्क सूबेदार अलाउद्दीन बहमन शाह ने की थी । इसका प्रतिद्वंदी हिन्दू विजयनगर साम्राज्य था । 1518 में इसका विघटन हो गया जिसके फलस्वरूप - गोलकोण्डा, बीजापुर, बिदर, बिरार और अहमदनगर के राज्यों का उदय हुआ । इन पांचों को सम्मिलित रूप से दक्कन सल्तनत कहा जाता था ।
सीसे की विषाक्तता
भारी धातुओं की विषाक्तता से दीर्घकालिक, मानसिक-शारीरिक गड़बडिय़ां पैदा हो सकती हैं। इनके आम लक्षण हैं - सिरदर्द, थोड़े समय के लिए याददाश्त का खो जाना, मति भ्रम पैदा होना, हकीकत को नहीं पहचानना, गलत धारणाएं होना, देखने की समस्याएं पैदा होना, बार-बार थक जाना, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, पेट व आंतों की समस्याएं होना, पाचन क्रिया का बिगड़ जाना आदि।
जिन कार्यस्थलों पर सीसे की मौजूदगी होती है, वहां काम करने वाले वयस्कों और बच्चों के शरीर में फेफड़ों या त्वचा द्वारा सीसा पहुंच सकता है। कार्बनिक सीसे को त्वचा पूरी तरह सोख लेती है। चूंकि रासयनिक तौर पर सीसा कैल्शियम की तरह होता है, इसलिए शरीर भी उसे कैल्शियम की तरह ही लेता है। शरीर में पहुंचने के बाद सीसा हड्डियों, दांतों, यकृत, फेफड़ों, मस्तिष्क और तिल्ली द्वारा शरीर के सभी अंगों तक पहुंच जाता। धीरे-धीरे सीसा खून के प्रवाह को भी अवरुद्ध कर सकता है। यदि शरीर में आयरन की जितनी कमी होगी, सीसा जनित विषाक्तता उतनी ही अधिक होगी। गर्भवती महिलाओं और बच्चों में आयरन की कमी से रक्ताल्पता पैदा होती है, और वे सीसे की विषाक्तता से ग्रस्त हो सकते हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है कि ऐसा भोजन किया जाए जिससे कैल्श्यिम, आयरन, फासफोरस या जिंक भरपूर मात्रा में मिल सके।