सामान्य ज्ञान

राजपूतों द्वारा निर्मित प्रमुख मंदिर
23-Nov-2020 12:06 PM
राजपूतों द्वारा निर्मित प्रमुख मंदिर

भारत में 600 ईस्वी से 900 ईस्वी के आस-पास राजपूत शासकों नें विविध मंदिरों का निर्माण कार्य करवाया था। इनमें प्रमुख था एलोरा का कैलाश मंदिर, महाबलीपुरम के रथ मंदिर और एलिफेंटा के गुफाएं।   
इसी तरह 900 ईस्वी से 1200 ईस्वी के बीच भी राजपूत शासकों के द्वारा पल्लव, चोल और होयसल मंदिरों का निर्माण कार्य किया गया। साथ ही कंदरिया का महादेव मंदिर, भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर, खजुराहो मंदिर आदि की भी निर्माण किया गया। इस सूची में माउंट आबू का तेजपाल मंदिर और पूरी का जगन्नाथ मंदिर भी शामिल है। इन सारे मंदिरों की एक सबसे बड़ी विशेषता है इनकी सुन्दरता, इनकी बनावट और इनपर की जाने वाली कढ़ाई।  जैसे इन मंदिरों में गुलाबी और पीले रंग के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इन मंदिरों की एक और विशेषता हैं और वह है इनकी खिड़कियां।  इन मंदिरों के द्वारों , खिड़कियों  और खम्बो पर ढेर सारे फूलों से कढ़ाईयां की गई है। इन पर इसके अलावा बहुत सारे अनेक चित्रों को भी विकसित किया गया है, जैसे परियोंं की कथाएं आदि। 
विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कार्य 1002 ईस्वी में, एक चंदेल राजा धंग द्वारा करवाया गया. ने बनवाया था। खजुराहो का कंदरिया मंदिर इन सबमें सबसे बड़ा स्मारक है जिसका निर्माण कार्य 1017 ईसवी से 1029 ईसवी के बीच किया गया था.बनाया गया था। 950-70 ईस्वी के दौरान निर्मित पाश्र्वनाथ मंदिर खजुराहो के मंदिरों की सूची में सबसे बड़े जैन मंदिरों में से एक था। इस मंदिर का आकार आयताकार है। इसके अलावा मंदिरों के शहर पालिताना का ऋषभ देव का मंदिर और चौमुख मंदिर स्थित है।
1088 ईस्वी में, दिलवाड़ा का जैन मंदिर सफेद संगमरमर से निर्मित किया गया था। इस मंदिर में एक कक्ष में स्थित देवता को ऊंचे मंच पर विराजमान दिखाया गया है जिसके चारो तरफ एक आंगन है। इसके अलावा विमलवसही मंदिर और तेजपाल मंदिर भी प्रमुख मंदिर हैं।
 

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