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बिलासपुर, 24 नवंबर। भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत हल्बा आदिवासी दो भाईयों के विरुद्ध उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति द्वारा कोई आदेश जारी करने पर हाईकोर्ट ने छह सप्ताह के लिये रोक लगा दी है।
उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत आपस में भाई दो कर्मचारियों प्रदीप कुमार बारापात्रे और देवेन्द्र बारापात्रे का अनुसूचित जनजाति हल्बी नहीं होना पाया है लेकिन इस पर अंतिम आदेश अभी जारी नहीं किया गया है। समिति ने कहा है कि चूंकि इन दोनों कर्मचारियों के बड़े भाई द्वारा दिये गये दस्तावेजों की छानबीन के अनुसार वे अनुसूचित जनजाति हल्बा के नहीं हैं इसलिये ये दोनों भाई भी उपरोक्त जनजाति के अंतर्गत नहीं आते।
हाईकोर्ट में इसे चुनौती देते हुए बीएसपी के दोनों भाईयों ने अलग-अलग दायर अपनी याचिकाओं में कहा कि सिर्फ बड़े भाई के पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने के कारण उनकी जाति के सम्बन्ध में निर्णय नहीं लिया जा सकता। उनके मामले में अलग से कोई जांच नहीं की गई। यदि जांच की जाती और हमसे अलग दस्तावेज मांगे जाते तो हम बेहतर तरीके से अपना पक्ष रखते। हमें यह मौका मिलना चाहिये। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि यदि हाईपावर कमेटी अंतिम आदेश जारी कर देती है तो उनकी सेवा खत्म कर दी जायेगी और राहत का कोई अवसर नहीं मिलेगा।
जस्टिस गौतम भादुड़ी की कोर्ट ने इस मामले में राज्य शासन और उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी, तब तक याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध कोई आदेश समिति पारित नहीं करेगी।