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रायपुर, 25 नवंबर। कलिंगा विश्वविद्यालय मध्य भारत का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है यहां पर विद्यार्थियों में शोध प्रवृत्ति और नई खोज को विकसित करने के लिए वैश्विक मापदंड के अनुरूप शिक्षा प्रदान करने के लिए कार्य किया जाता रहा है। इसी तारतम्य में कलिंगा विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी संकाय के तत्वावधान में पत्रकारिता एवं जनसंचार के क्षेत्र में रोजगार के अवसर विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया संपन्न हुआ।
कोरोना महामारी प्रकोप के कारण शासन के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ सभी कार्यक्रम ऑनलाईन किए जा रहे है। इसीलिए उक्त राष्ट्रीय संगोष्ठी का ऑनलाईन आयोजन संपन्न किया गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजन के प्रथम चरण में भारतीय परंपरा के अनुसार ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं सरस्वती वंदना करने के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
उक्त संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया के समन्वय संपादक जोसेफ जॉन उपस्थित थें। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में रोजगार के विभिन्न अवसर पर विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने बताया कि आज भारतवर्ष में हजारों पंजीकृत अखबार, टीवी चैनल और वेबसाइट हैं। वहां पर समाचार लेखन, रिपोर्टर, अनुवादक, फोटोग्रॉफर और वीडियों एडिटर के लिए योग्य लोगों की बहुत आवश्यकता है।
शासकीय एवं सार्वजनिक उपक्रम के सभी विभाग में जनसंपर्क विभाग में अनेक पद खाली है। जहां पर रोजगार प्राप्त करने के लिए पेशेवर लोगों की कमी है। इसीलिए आज काबिलियत के साथ-साथ पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में डिग्री भी बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में जर्नलिज्म और मीडिया का तेजी से विस्तार हो रहा है। इस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने की अपार संभावनाएं हैं। यहां पर रोजगार प्राप्त करने से सिर्फ अत्यधिक पैसा और प्रतिष्ठा ही नही बल्कि आत्मसंतुष्टि का भाव जागृत होता है।
उक्त आयोजन में कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. श्रीधर, महानिर्देशक डॉ. बैजू जॉन, कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. आशा अंभईकर और कला एवं मानविकी संकाय के डॉ.मणिशंकर, सुश्री अनुरिमा, डॉ. वारा प्रसाद कोला के साथ-साथ डॉ.अजय शुक्ल, डॉ. शिल्पी भट्टाचार्य, डॉ. विनीता दीवान, डॉ. जाय चौधरी, डॉ.अनिता सामल, डॉ.नम्रता श्रीवास्तव, विजय आनंद, अविनाश कौर, मुकेश रावत, चंदन राजपूत, खुशबू सिंह, मेरिटा और विभाग के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों उपस्थित थे। कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात राष्ट्रीय संगोष्ठी के समन्वयक डॉ.मणि शंकर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।