राष्ट्रीय
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बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में उसकी सहयोगी अकाली जनता दल ने गुरूवार का दिन किसानों के लिए 26/11 जैसा बताया है.
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों के साथ किये गए सुलूक की उन्होंने निंदा की है.
ट्विटर पर उन्होंने लिखा, “आज पंजाब का 26/11 है. हम लोकतांत्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार का दमन होते देख रहे हैं. अकाली दल हरियाणा सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा करता है. केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाना चाहती है.”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “पानी की बौछारों से पंजाब के किसानों के अधिकारों की लड़ाई को दबाया नहीं जा सकता. इससे प्रतिरोध और बढ़ेगा.”
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सुखबीर सिंह बादल ने गुरुवार को कहा क “मैं हरियाणा के किसानों से अपील करूंगा कि वो पंजाब के किसानों के समर्थन में आयें.”
बादल ने कहा, “किसान किसी भी राजनीतिक पार्टी के झंडे तले यह प्रदर्शन आयोजित नहीं करना चाहते. सभी पार्टियों से जुड़े किसान इस प्रदर्शन में शामिल हैं. सभी किसान नये कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हैं.”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि 'प्रदर्शनकारी किसानों के साथ जो हो रहा है, वो ग़लत है.
उन्होंने कहा कि 'केंद्र सरकार किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों को उनसे छीन नहीं सकती.'
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने किसानों पर हरियाणा प्रशासन के रवैये को 'सरकारी आतंक' बताया है.
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उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "आज ‘संविधान दिवस’ पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के संवैधानिक अधिकार पर घोर निंदनीय हमला हुआ है. भाजपा सरकार द्वारा किसानों पर हमला सरकारी आतंक का अति वीभत्स रूप है."
"सरकार की विनाशकारी कृषि नीति के विरूद्ध अपना विरोध प्रकट करने के लिए अन्नदाता किसानों के ख़िलाफ़ भाजपा सरकार आँसू गैस व वॉटर कैनन जैसे हिंसक मनोवृति के साधनों से प्रहार कर रही है. घोर निंदनीय! अमीरों की पक्षधर भाजपा ग़रीब हलधर का दर्द क्या जाने!"
वहीं सीपीआई के महासचिव डी राजा ने कहा है कि किसानों पर वॉटर कैनन चलाना, उन पर आँसू गैस के गोले दागना – बीजेपी के किसान विरोधी चेहरे को बेनक़ाब करता है.
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गुरुवार को क्या-क्या हुआ
केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने गुरुवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया था.
पंजाब से शुरू हुए इस मार्च को हरियाणा राज्य की सीमा पर रोक दिया गया और इसके लिए भारी बैरिकेडिंग, रास्ते में क्रेन, ट्रक लगा रखे थे. इस मार्च को रोके जाने के बाद यह हिंसक हो गया.
सिंघु बॉर्डर-सोनीपत सहित कई जगहों पर किसानों पानी की बौछार की गई, उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए.
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स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव जो किसानों के एक समूह के साथ दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे उन्हें हरियाणा के गुरूग्राम में पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
तमाम बाधाओं को पीछे करते हुए पंजाब और हरियाणा से किसान अलग-अलग वाहनों से राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं. (bbc.com)