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एनएचएमएमआई में स्टेज-3 स्टमक और पैन्क्रियाटिक कैंसर मरीजों को जीवनदान, शुरूवाती जांच-इलाज कैंसर मरीज को देंगे बेहतर परिणाम-विशेषज्ञ
28-Nov-2020 2:32 PM
एनएचएमएमआई में स्टेज-3 स्टमक और पैन्क्रियाटिक कैंसर मरीजों को जीवनदान, शुरूवाती जांच-इलाज कैंसर मरीज को देंगे बेहतर परिणाम-विशेषज्ञ

रायपुर, 28 नवम्बर। एमएमआईनारायणा, मल्टीस्पेशेलिटी, अस्पताल, रायपुर के सर्जीकलऑन्कोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. मऊरॉय ने बताया कि कई वर्षों से देखा गया है कि कैंसर के संदर्भ में जागरूकता बढ़ी है लेकिन इसके आधुनिक इलाज के तरीकों और कैंसर के व्यापक क्षेत्र के बारे में जानकारी लोगों में अब भी पहुँचने की ज़रूरत है। कैंसर के बारे में आंकड़े बेशक चिंताजनक हैं और पेट के कैंसर के आंकड़े भारत में 3 से 12 केसेस प्रति एक लाख हैं, साथ ही इसके शुरुवाती लक्षण जैसे जी मचलाना, पेट में दर्द होना, काले रंग का मल आना आदि पेट से सम्बंधित अन्य आम समस्याओं के होने का भ्रम भी पैदा कर सकती हैं।

डॉ. मऊरॉय ने बताया कि  नवम्बर के स्टमक एंड पैन्क्रियाटिक कैंसर जागरूकता माह को ध्यान में रखते हुएएनएचएमएमआई, नारायणासुपरस्पेशेलिटी अस्पताल ने अपने स्टमक कैंसर और पैन्क्रियाटिक कैंसर सर्वाइवर्स के साथ मिलकर इस विषय पर विभिन्न प्लेटफार्म के ज़रिये जागरूकता फैलाने का कदम उठाया। जहांसर्वाइवर्स ने अपने सफल इलाज और उसके बाद की जिंदगी की कहानी साझा की वहींडॉक्टर मऊरॉय, डॉक्टर सिद्दार्थतुरकर और डॉक्टर पियूष शुक्ला, ऑन्कोलॉजी टीम, एनएचएमएमआई, नारायणा, सुपरस्पेशेलोटी अस्पताल, रायपुर ने शुरूवाती जांच और सही समय पर इलाज शुरू कर देने की ज़रूरत पर अपने विचार प्रकट किये।

 मरीज़ों ने अपने सफल इलाज के बारे में बताया और एनएचएमएमआई, नारायणासुपरस्पेशेलिटी अस्पताल के प्रति धन्यवाद प्रकट किया जिनके ज़रिये उन्हें वापस बेहतर जिंदगी जीने का मौका मिला। इनमें सबसे गंभीर केस माधवी का था, वे एनएचएमएमआईस्टेज 3 स्टमक कैंसर के साथ आईं थीं, उनकेसर्जरी समेत कीमोथेरेपी के 4साइकल्स हुए फिर अजुवेंटकीमोथेरेपीके 4 साइकल्स हुए। बेशक यह केस जटिल था,एनएचएमएमआई, नारायणासुपरस्पेशेलिटी अस्पताल में इलाज के बाद वे नियमित फ़ॉलोअप पर हैं और बीते एक वर्ष से बेहतर स्थिति में हैं। एक अन्य मरीज़सरस्वती कोसीमा ने भी अपने स्टेज 3 स्टमक कैंसर के बारे में साझा किया, 14 साल पहले उनकी पेट की सर्जरी के साथ साथ 6 साइकल्सकीमोथेरेपी के भी हुए, अब वे एकदम सामान्य जि़न्दगी जी रही हैं। एक अन्य मरीज़ सुखजनी की इस वर्ष लॉकडाउन से पहले व्हिपल सर्जरी हुई,अब वे बीते 9 महीने से पूरी तरह ठीक हैं। रमा की भीपैन्क्रियाटिक कैंसर के लिए की जाने वाली सर्जरी व्हिप्प्ल्सपैन्क्रियाटिकोडुओनेक्टॉमी करीब डेढ़ साल पहले की गई थी, अब वे भी बिल्कुल ठीक हैं।

 डॉ. अनुपम महापात्रा, और डॉक्टर अभिषेक जैन, गैस्ट्रोएंट्रोलाजी टीम, एनएच, एमएमआईनारायणासुपरस्पेशेलिटीअस्पताल ने स्टमक कैंसर के बारे में बात रखी, और इस बात पर जोर दिया कि, जल्दी लक्षणों की पहचान करना बेहद ज़रूरी है। पेट के उपरी हिस्से में दर्द, काले मल का आना, पेट में असहनीय दर्द आदि जैसे लक्षणों को कभी नजऱंदाज़ न करें। धूम्रपान और शराब के सेवन से दूर रहें और अपने वजन को नियंत्रण में रखें क्योंकि मोटापा भी स्टमक कैंसर का जोखिम बढ़ाता है।

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