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वहां से धान लाते मिलने पर कड़ी कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 नवंबर। आगामी एक दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अंतिम तैयारी को लेकर प्रशासन लगातार कड़े बंदोबस्त कर रहा है। रविवार को कलेक्टर टीके वर्मा ने जहां खैरागढ़ क्षेत्र में पहुंचकर सोसाइटियों का मुआयना किया। वहीं मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के सीमा से धान खपाने के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने का भी कलेक्टर ने अपने मातहत अफसरों को निर्देश दिया है।
बताया जा रहा है कि राजनांदगांव जिले का उत्तरी और दक्षिणी हिस्सा दोनों राज्यों की सरहद से लगा हुआ है। औंधी से लेकर बकरकट्टा तक दोनों राज्य की
सीमाएं जिले से सटी हुई है। लिहाजा हर साल भारी मात्रा में समर्थन मूल्य पर धान खपाने के लिए इन राज्यों के सरहदी गांव के रास्ते किसान पहुंचते हैं। जिससे छत्तीसगढ़ को आर्थिक क्षति पहुंचती है।
मिली जानकारी के मुताबिक कलेक्टर ने सीमा पर दर्जनभर उडऩदस्तों को तैनात कर दिया है। उडऩदस्ता की पैनी निगाह होने से दोनों राज्य की उपज जिले में नहीं पहुंच पाएगी।
इस संबंध में कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि धान खरीदी के लिए सभी तरह के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से धान बेचने की कोशिश करने वाले किसानों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इसके लिए उडऩदस्ता के साथ-साथ सीमा क्षेत्र के सोसाइटी प्रबंधकों को भी सतर्क किया गया है।
इस बीच मंगलवार से शुरू हो रहे धान खरीदी की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन लगातार किसानों के साथ समन्वय बनाने की कोशिश कर रहा है। टोकन जारी करने के लिए किसानों को हो रही व्यवहारिक दिक्कतों से भी कलेक्टर ने प्रबंधकों को सामंजस्य बिठाने को कहा है। टोकन को लेकर विपक्षी पार्टी भाजपा बेहद मुखर है। वहीं प्रशासन पर भी किसानों को उपज बेचने के दौरान किसी भी तरह की परेशानी से निजात दिलाने की कठिन चुनौती खड़ी है। करीब एक माह विलंब से हो रही धान खरीदी के चलते किसानों में नाराजगी है। हालांकि राज्य सरकार ने एक दिसंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी करने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि राजनांदगांव जिला अपने धान खरीदी के लक्ष्य को आसानी से पार कर जाएगा। लिहाजा हर स्तर पर धान खरीदी की प्रक्रिया को सामान्य बनाए जाने पर प्रशासनिक कवायद चल रही है।