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कोरोना के खतरे के बीच पूंजीवाद ने अपना खूंखार चेहरा दिखाया है। पैसे वाले देशों ने अधिक से अधिक वैक्सीन खरीदने का ऑर्डर दे दिया है। मतलब यह है कि दूसरे देशों के खतरे में पड़े स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी वैक्सीन मिल पाए, इसके पहले इन संपन्न देशों के हर नागरिक को वैक्सीन लग चुकी होगी। वल्र्ड इकॉनॉमिक फोरम ने अभी यह जानकारी जारी की है कि किन देशों ने अपनी आबादी के कितने फीसदी लोगों के लिए वैक्सीन बुक की है। उसका यह मानना है कि अगर वैक्सीन पूरी दुनिया में बराबरी से नहीं बांटी गई, और संपन्न देश अधिक वैक्सीन खरीदते गए, तो कोरोना से मौतें बहुत अधिक होंगी।
वल्र्ड इकॉनॉमिक फोरम का यह टेबल बताता है कि किस देश ने अपनी आबादी के कितने फीसदी टीके खरीदने का ऑर्डर दिया है। इसके मुताबिक कनाडा ने अपनी आबादी के 127 फीसदी से अधिक के लिए वैक्सीन बुक करा ली है, जापान ने 114 फीसदी से अधिक, ब्रिटेन ने 108, और अमरीका ने 106 फीसदी से अधिक वैक्सीन बुक कराई है। भारत ने 18.5 फीसदी आबादी के लिए वैक्सीन बुक की है। वैक्सीन अधिक बुक करने वाले देशों में भारत 14वें नंबर पर है, जबकि मौतों और कोरोनाग्रस्त लोगों के मामले में वह दुनिया में दूसरे नंबर का देश बना हुआ है। पूंजीवादी व्यवस्था में विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं की कोई भूमिका नहीं रह गई है। संपन्न देशों ने आबादी से सवा गुना से अधिक टीके बुक करवा रखे हैं, और गरीब देशों में स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी टीके कब नसीब होंगे इसका ठिकाना नहीं रहेगा।