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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 नवंबर। पाठ्य पुस्तक निगम के वित्त अफसर को पहले अनियमितता की शिकायत पर हटा दिया गया, लेकिन 24 घंटे के भीतर उनका तबादला निरस्त भी कर दिया गया। प्रशासनिक हल्कों में इस आदेश की जमकर चर्चा है।
बताया गया कि पाठ्य पुस्तक निगम में वरिष्ठ प्रबंधक (वित्त) रामकिशोर मिश्र को अनियमितता की शिकायत पर हटाकर उनके मूल वित्त विभाग में भेज दिया गया था। मिश्रा के खिलाफ एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने अनियमितता की गंभीर शिकायत की थी।
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष भावेश शुक्ला ने आरोप लगाया था कि कोरोनाकाल में मिश्रा ने सात महीने में 18 हजार किमी से अधिक यात्रा सरकारी वाहन से की थी। वे रायपुर और बिलासपुर के बीच मनमाना सफर करते रहे और लागबुक में गाड़ी को खड़ा दिखाते रहे। इस शिकायत के साथ रायपुर-बिलासपुरक े बीच के टोल नाके के कम्प्यूटर रिकॉर्ड को भी लगाया गया है जिसमें मिश्रा की कार के महीनों तक बिलासपुर आने-जाने की जानकारी समय सहित दर्ज है।
इसके अलावा उन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
कल स्कूल शिक्षा विभाग के एक आदेश से पहले मिश्रा को मूल विभाग में भेज दिया था, लेकिन कुछ घंटों के भीतर स्कूल शिक्षा विभाग ने यह कहकर पिछला आदेश निरस्त कर दिया कि वित्त वरिष्ठ प्रबंधक की पदस्थापना का अधिकार वित्त विभाग को है। वित्त विभाग की सहमति के बिना जारी आदेश त्रुटिपूर्ण है।