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चंडीगढ़, 29 नवंबर | हरियाणा के अपने समकक्ष मनोहर लाल खट्टर की ओर से जारी कॉल रिकार्ड को पूरी तरह से फर्जी बताते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा कि ऑफिस रजिस्टर के एक पेज को प्रदर्शित करने से खट्टर के झूठ को छिपाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर वह सच में संपर्क करना चाहते थे तो आसानी से आधिकारिक चैनल का इस्तेमाल कर सकते थे या मोबाइल फोन पर कॉल कर सकते थे।
दावे को साबित करने के खट्टर के प्रयासों को दयनीय प्रयास करार देते हुए सिंह ने कहा कि कॉल रिकॉर्ड की कॉपी को रिलीज करना और यह साबित करने की कोशिश करना कि वह उनके संपर्क में थे, से वास्तव में उनके इरादों का और साफगोई से पर्दाफाश होता है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में पूछा, "अगर सच में उनके कार्यालय से किसी ने मेरे आवास पर कॉल किया, तो फिर किसी अटेंडेंट को कॉल क्यों किया गया। मुझसे संपर्क करने के लिए किसी आधिकारिक चैनल का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "दोनों सरकारों के शीर्ष अधिकारी, मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी स्तर तक किसानों के मुद्दे को लेकर बीते कुछ दिनों से एक-दूसरे के संपर्क में थे, बावजूद इसके किसी भी अधिकारी ने खट्टर की मुझसे बातचीत करने की इच्छा के बारे में नहीं बताया।"
मुख्यमंत्री ने खट्टर पर उनके कोरोना को लेकर बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर किसान के प्रदर्शन की वजह से कोरोना फैलता है तो इसके लिए अमरिंदर जिम्मेदार होंगे।
इसपर अमरिंदर ने कहा, "अगर वह किसानों द्वारा हरियाणा में कोरोना फैलाए जाने को लेकर इतना चिंतित थे तो, वह बताएं कि महामारी के दौरान किसका ट्रैक रिकॉर्ड बेहद खराब रहा था। उन्हें किसानों को राज्य में नहीं रोकना चाहिए, बल्कि उन्हें किसानों को तत्काल दिल्ली जाने की इजाजत देनी चाहिए।"
--आईएएनएस