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धान खरीदी कल से, 23 सौ से अधिक केन्द्र बनाए गए
30-Nov-2020 4:39 PM
धान खरीदी कल से, 23 सौ से अधिक केन्द्र बनाए गए

सीमावर्ती राज्यों में कड़ी चौकसी बरतने निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 नवंबर।
प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी मंगलवार से शुरू हो रही है। इसकी सारी तैयारी पूरी हो चुकी है। धान खरीदी के लिए 23 सौ से अधिक केन्द्र बनाए गए हंै, और सीमावर्ती राज्यों से धान की आवक पर कड़ी चौकसी बरतने के लिए कहा गया है।
 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि धान खरीदी के दौरान किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। किसानों की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जाए। इस माह की 28 तारीख को आयोजित कैबिनेट की बैठक में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 1 दिसम्बर से 31 जनवरी तक और मक्का की खरीदी 1 दिसम्बर से 31 मई तक करने के निर्देश दिए गए हैं। 1 दिसम्बर से प्रदेश में 2 हजार 305 धान खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू की जाएगी। इस वर्ष 257 नए धान खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। 

राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों से खेती-किसानी छोड़ चुके 2 लाख से अधिक किसान खेतों की ओर लौटे हैं, जिससे खेती के रकबे में वृद्धि हुई है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में पिछले वर्ष की तुलना में 2 लाख 49 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। इन्हें मिलाकर इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कुल 21 लाख 29 हजार 764 किसानों ने पंजीयन कराया है।

इन किसानों द्वारा बोये गए धान का रकबा 27 लाख 59 हजार 385 हेक्टेयर से अधिक है। दो सालों में धान बेचने वाले किसानों का रकबा 19.36 लाख हेक्टेयर से बढक़र 22.68 लाख हेक्टेयर और किसानों की संख्या 12 लाख 6 हजार बढक़र 18 लाख 38 हजार हो गई है। इस प्रकार देखा जाए तो रकबे में 3 लाख 32 हजार हेक्टेयर तथा समर्थन मूल्य पर धान बेचेने वाले किसानों की संख्या में 6.32 लाख बढ़ोत्तरी हुई है।

पिछले दो वर्षों में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2017-18 में छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर 56.85 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। दो सालों के दौरान धान खरीदी का यह आंकड़ा 83.94 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया। इस साल धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या और धान की रकबे को देखते हुए समर्थन मूल्य पर बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा खरीदी का अनुमान है। इसको लेकर राज्य शासन द्वारा हर संभव व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। धान उपार्जन के लिए बारदाने की कमी के बावजूद भी सरकार इसके प्रबंध में जुटी है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने धान खरीदी के दौरान सीमावर्ती राज्यों से लाए जाने वाले धान पर कड़ाई से रोक लगाने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अवैध धान परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाए। इसकी जिम्मेदारी सभी जिलों के जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और संबंधित विभाग को सौंपी गई है। सीमावर्ती जिलों की सीमा से लगे 3-3 खरीदी केन्द्रों में विशेष निगरानी रखने, चेक पोस्ट लगाकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। श्री बघेल ने यह निर्देश भी दिए हैं कि राज्य के भीतर एक से दूसरे जिलों से धान लाने ले जाने वाले किसानों को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाए।

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