अंतरराष्ट्रीय
भारत ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को जम्मू-कश्मीर पर प्रस्ताव में "तथ्यात्मक रूप से गलत और अनुचित" संदर्भ दिए जाने का कड़ा विरोध किया है. भारत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रस्ताव को "तथ्यात्मक रूप से गलत, आभासी और झूठी जानकारियों" के आधार पर लाया गया और उसे खारिज कर दिया.
नाइजर की राजधानी नियामे में 27 और 28 नवंबर को संगठन के विदेश मंत्रियों की 47वीं बैठक के बाद एक प्रस्ताव आया जिसमें कश्मीर का जिक्र था.
भारत का कड़ा ऐतराज
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह अफसोसजनक है कि समूह खुद को एक निश्चित देश द्वारा इस्तेमाल होने की अनुमति देता है. जिसका धार्मिक असहिष्णुता, कट्टरपंथ और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का एक घृणित रिकॉर्ड रहा है." विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ओआईसी को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है और साथ ही उसने कहा है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसलिए ओआईसी को भविष्य में ऐसे किसी भी संदर्भ को बनाने या फिर चर्चा करने से बचना चाहिए.
विदेश मंत्रालय की तरफ से विदेश मंत्रियों की पिछली चार बैठकों के दौरान भी ओआईसी के मंच पर कश्मीर के जिक्र पर नाराजगी जताई गई थी. पिछले साल 5 अगस्त को भारत ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटा लिया था, तभी से पाकिस्तान हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे उठाने की कोशिश करता रहा है. यही नहीं पाकिस्तान कश्मीर पर इस्लामिक देशों के विदेश मंत्रियों की एक विशेष बैठक की मांग कर रहा है.
ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) में दुनिया के 57 मुस्लिम देश शामिल हैं और सऊदी अरब के जेद्दाह में इसका मुख्यालय है. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुस्लिम देशों की एक सामूहिक आवाज बनना है लेकिन कई मुद्दों पर इस संगठन में मतभेद साफ नजर आते हैं.