राष्ट्रीय
गाजीपुर बॉर्डर, 30 नवंबर | केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोमवार को पांचवें दिन भी जारी है। हालांकि, विरोध प्रदर्शन के बीच गुरु नानक जयंती के मौके पर आस्था का रंग भी देखने को मिला। वहीं सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती पर किसानों ने भी उन्हें याद किया। गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानून का विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान एकत्रित हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले आए किसानों ने रविवार शाम गुरु नानक जयंती की पूर्व संध्या पर बॉर्डर पर किसानों ने उन्हे याद किया।
किसानों ने अगले निर्देश तक जहां हैं वहीं रहना तय किया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुरुनानक जयंती के मौके कहा कि, "हम किसानों ने गाजीपुर में रहने का फैसला किया है।"
उन्होंने कहा, "हम इस स्थल को नहीं छोड़ेंगे। हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। केंद्र को आगे आना चाहिए और किसानों की बात सुननी चाहिए। वहीं भविष्य में जहां बैठे हैं, वहीं झोपड़ियां बनाना भी शुरू कर देंगे।"
दरअसल प्रकाश पर्व पर घरों में भी लोग सिख गुरुवाणी का पाठ करते हैं और गुरुनानक देव को याद करते हैं। इस दिन शोभा यात्रा भी निकाली जाती है।
इसके जरिए गुरु नानक देव की ओर से दिए गए संदेश लोगों तक पहुंचाए जाते हैं। वहीं इस दौरान सिख धर्म के धार्मिक ग्रंथ श्री गुरुग्रंथ साहिब को फूलों की पालकी से सजे वाहन पर गुरुद्वारा लाया जाता है।(आईएएनएस)