अंतरराष्ट्रीय

ट्रंप के दावों को अटॉर्नी जनरल ने नकारा, बोले जाँच में धांधली के सबूत नहीं मिले
02-Dec-2020 9:17 AM
ट्रंप के दावों को अटॉर्नी जनरल ने नकारा, बोले जाँच में धांधली के सबूत नहीं मिले

अमेरिका के अटॉर्नी जनरल विलियम बार ने कहा है कि उनके जस्टिस डिपार्टमेंट को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों के मुताबिक़ 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी तरह की धांधली के सबूत नहीं मिले हैं.

अटॉर्नी जनरल ने कहा, ''अब तक हमें उस स्तर की धांधली के कोई सबूत नहीं मिले हैं जिनसे चुनावी नतीजे प्रभावित हुए हों.''

विलियम बार का यह बयान ट्रंप के लिए गहरा झटका है, जिन्होंने अब तक हार स्वीकार नहीं किया है. ट्रंप और उनके कैंपेन की तरफ़ से उन राज्यों में चुनावी नतीजों को कोर्ट में चुनौती दी गई थी जहाँ उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

अब इन राज्यों ने जो बाइडन को जीत का सर्टिफिकेट देना शुरू कर दिया है. तीन नवंबर को हुए मतदान के बाद से ही ट्रंप लगातार अप्रमाणिक दावा कर रहे हैं कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई है. ट्रंप की लीगल टीम बाइडन की जीत में अंतरराष्ट्रीय साज़िश होने का दावा करती रही है.

विलियम बार ने समाचार एजेंसी एपी से मंगलवार को कहा, ''एक दावा यह है कि धांधली सुनियोजित तरीक़े से हुई है और चुनावी नतीजों को बदल दिया गया. बैलेट मशीन हैक करने का दावा भी किया गया, जिससे बाइडन को ज़्यादा वोट मिले. डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी ने इन दावों की जांच की और हमें कोई ठोस सबूत नहीं मिला.''

अटॉर्नी जनरल के इस बयान पर ट्रंप कैंपेन के वकील रूडी जुलियानी और जेना एलिस ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है, ''अटॉर्नी जनरल के प्रति पूरे सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि उनका बयान बिना किसी जानकारी या जाँच और सुनियोजित धांधली के सबूतों को देखे बिना दिया गया मालूम पड़ता है.''

अटॉर्नी जनरल के बयान के बाद डोनाल्ड ट्रंप की बची उम्मीद ख़त्म हो गई है. ट्रंप को लगता था कि फेडरल जाँचकार्ता उनकी कुर्सी बचा ले जाएंगे.

जस्टिस डिपार्टमेंट का यह कहना कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में धांधली के दावों के पक्ष में कोई सबूत नहीं मिला, यह चौंकाने वाला नहीं है. ट्रंप के वकील भी अपने दावों के पक्ष में कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए हैं. यह अहम है कि विलियम बार ने इस मामले में चुप रहने के बजाय सार्वजनिक रूप से बोलना पसंद किया.

न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप निजी बातचीत में विलियम बार और एफ़बीआई से समर्थन नहीं मिलने की शिकायत कर रहे थे. ट्रंप पहले से ही एरिज़ोना और जॉर्जिया के गवर्नरों से अनबन कर चुके हैं.

दोनों पारंपरिक के रूप से कंजर्वेटिव राज्य रहे हैं और यहां भी वो बाइडन से हार गए हैं. विलियम बार अब डोनाल्ड ट्रंप के ग़ुस्से का नया निशाना बन सकते हैं. ट्रंप ने चुनाव के बाद रविवार को फॉक्स न्यूज़ को दिए पहले इंटरव्यू में कहा था कि वो चुनावी नतीज़ों को लेकर क़ानूनी लड़ाई जारी रखेंगे.

ट्रंप ने कहा था, ''चुनाव में व्यापक धांधली हुई है और मेरा मन छह महीने में नहीं बदलेगा.''

ट्रंप ने चुनाव की जाँच के लिए स्पेशल वकील की नियुक्ति की भी बात कही थी. ऐसी कोई भी नियुक्ति बिना विलियम बार की मंज़ूरी के नहीं हो सकती. विलियम बार अमेरिका के कोई पहले सीनियर अधिकारी नहीं हैं जिन्होंने चुनाव में धांधली की बात को नकार दिया है.

अमेरिका साइबर सिक्यॉरिटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्यॉरिटी एजेंसी के प्रमुख क्रिस क्रेब्स भी ट्रंप के चुनावी धांधली के आरोप को ख़ारिज कर चुके हैं. उन्होंने कहा है कि 2020 का अमेरिका चुनाव इतिहास का सबसे सुरक्षित चुनाव रहा है.

विलियम बार ट्रंप के सबसे भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं और उनकी तरफ़ से यह बयान आया है. (bbc)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news