अंतरराष्ट्रीय
ईरान में वैज्ञानिकों ने नैनो टक्नॉलोजी की मदद से ऐसी कम्पोज़िट मेम्ब्रेन अर्थात छलनी बनायी है जो मिक्स हुयी गैसों को अच्छी तरह अलग कर सकती है। अलबत्ता यह कामयाबी लैब स्तर पर हासिल हुयी है। यह कारनामा ईरान की अराक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है। इस छलनी से कम वक़्त और ऊर्जा में गैसों को अलग किया जा सकता है। यह छलनी इसी तरह गैस को मीठा बनाने की प्रक्रिया में भी इस्तेमाल होती है। पाइप लाइन को ज़ंग से बचाने के लिए प्राकृतिक गैस में मौजूद अशुद्ध तत्वों को निकालना, गैस के भंडारण और सप्लाई के ख़र्च में कमी, गैस के जलने की क्वालिटी में बेहतरी लाना और प्रदूषण कम करके पर्यावरण को नुक़सान से बचाना पेट्रोलियम उद्योग के सामने मौजूद बड़ी चुनौतियाँ हैं।
प्राकृतिक गैस के निकलते वक़्त उसमें लगभग 80 फ़ीसद मिथेन गैस होती है। इसी तरह प्राकृतिक गैस को निकालते वक़्त उसमें कार्बनडाइ ऑक्साइड, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन सल्फ़ाइड और गंधक युक्त दूसरे कंपाउंड भी होते हैं। अराक यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर्ज़ ने नैनो कंपोज़िट मेम्ब्रेन को सिन्थेसिस किया है। इस समय प्राकृतिक गैस में गंदगी को निकालने के लिए कन्डन्सेशन, एब्ज़ॉर्प्शन और ऑर्गेनिक सॉल्वेन्ट के साथ ऐड्ज़ॉर्प्शन शैली इस्तेमाल होती है, लेकिन इन शैलियों के इस्तेमाल में ख़र्च ज़्यादा है और ऊर्जा बहुत इस्तेमाल होती है, इसी तरह इन शैलियों के लिए ख़ास उपकरण की ज़रूरत होती है।
ईरानी शोधकर्ताओं ने जो नैनो कंपोज़िट मेम्ब्रेन बनायी है उसका रिटर्न अच्छा है, गैस तेज़ी से अलग होती है, इसका प्रॉसेस आसान है, इसमें महंगे सॉल्वेन्ट इस्तेमान नहीं होते और दूसरी शैलियों की तुलना में ये अधिक इक्नॉमिकल हैं। इसके अलावा नई शैली से पर्यावरण को नुक़सान नहीं पहुंचता। (Parsnews)