राष्ट्रीय
लखनऊ, 4 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को धर्म परिवर्तन के नए अध्यादेश का हवाला देते हुए पुलिस ने एक अंतर-धार्मिक विवाह को रोक दिया.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया अख़बार के मुताबिक़, रैना गुप्ता (22) और मोहम्मद आसिफ़ (24) की दो धर्मों के रीति-रिवाजों से शादी होनी थी लेकिन हिंदू महासभा ज़िला प्रमुख की सूचना के आधार पर पुलिस ने इस मामले में दख़ल दिया और शादी रोक दी.
इस मामले में कोई एफ़आईआर नहीं दर्ज की गई है क्योंकि दोनों ही परिवार डीएम की अनुमति मिलने तक शादी रद्द करने पर राज़ी हो गए हैं. नए क़ानून के तहत शादी के लिए डीएम की अनुमति ज़रूरी है और नोटिस देने के दो महीने बाद ही शादी की जा सकती है.
एडिशनल डीसीपी (साउथ ज़ोन) सुरेश चंद्र रावत ने कहा, "पुलिस जब विवाह समारोह में पहुंच तो वहां पर हिंदू रीति-रिवाज से शादी की तैयारी चल रही थी और उसके बाद मुस्लिम रीति-रिवाज से शादी होनी थी. शादी दोनों परिवारों की सहमति से हो रही थी लेकिन योजनाबद्ध धार्मिक समारोह बिना धर्म-परिवर्तन के नहीं हो सकते हैं."
उन्होंने कहा कि इस शादी को 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020' के तहत रोका गया जिसमें कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर या जबरन धर्म परिवर्तन न ही कर सकता है और न ही करवा सकता है जो एक दंडनीय अपराध है. (बीबीसी)