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नई दिल्ली, 4 दिसम्बर। गंभीर अपराधों में सज़ायाफ़्ता राजनेताओं पर आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दायर करके इसका विरोध किया है.
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार, याचिकाकर्ता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने याचिका दायर करके दोषी राजनेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
याचिकाकर्ता ने दोषी राजनेताओं और सरकारी कर्मचारियों के बीच समानता की मांग की थी. याचिका में पूछा गया था कि जब कोई आपराधिक मामले में दोषी कर्मचारी आजीवन सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य ठहरा दिया जाता है तो ऐसा राजनेताओं के मामले में क्यों नहीं है.
क़ानून मंत्रालय के विधायी विभाग ने शपथ पत्र दायर करके कहा है कि सरकारी कर्मचारियों की तरह चुने गए प्रतिनिधियों के लिए कोई ख़ास सेवा की शर्तें नहीं होती हैं हालांकि तब भी उन्हें सरकारी सेवक समझा जाता है, चुने गए प्रतिनिधि शपथ से बंधे होते हैं जो अपने चुनावी क्षेत्र के लोगों के लिए समर्पित होते हैं.
वर्तमान में किसी दोषी राजनेता के सिर्फ़ छह साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है. (बीबीसी)