अंतरराष्ट्रीय

बांग्लादेश : 1971 के शहीद की प्रतिमा को बदमाशों ने किया क्षतिग्रस्त
04-Dec-2020 4:17 PM
बांग्लादेश : 1971 के शहीद की प्रतिमा को बदमाशों ने किया क्षतिग्रस्त

सुमी खान 
ढाका, 4 दिसंबर |
मार्च 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा बेरहमी से मार दिए गए शहीद मधुसूदन डे की ढाका यूनिवर्सिटी (डीयू) कैम्पस में लगी प्रतिमा को अज्ञात बदमाशों ने आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया।

यह घटना बुधवार रात को हुई।

मधुसूदन डे के सबसे छोटे पुत्र और मधुर कैंटीन के वर्तमान संचालक अरुण कुमार डे ने कहा, "मैं कैंटीन के अंदर व्यस्त था। शाम को लगभग 7.45 बजे, मेरे एक कर्मचारी ने अचानक प्रतिमा को पहुंचे आंशिक नुकसान को नोटिस किया और मुझे इसके बारे में बताया।"

उन्होंने कहा, "मैंने तुरंत मामले की सूचना ढाका यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर और शाहबाग पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को दी। उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और इसे ठीक करने का उपाय किया।"

डीयू परिसर में उनके (मधूसूदन) नाम वाले प्रतिष्ठित कैफेटेरिया के सामने लगी प्रतिमा के बाएं कान को टूटा हुआ पाया गया और आधी रात को इसकी मरम्मत की गई।

मधुसूदन डे, जिन्हें प्यार से 'मधु दा' कहा जाता था, एक कैफेटेरिया संचालक से कहीं बढ़कर थे।

उन्होंने सभी प्रगतिशील दिमाग वाले लोगों और उनके विचारों और सपनों को बढ़ावा देने के लिए अपनी कैंटीन के दरवाजे हमेशा खुले रखे थे।

पाकिस्तान के दौर में, हर राजनीतिक आंदोलन से पहले, छात्र नेता और कार्यकर्ता ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में स्थित उनकी कैंटीन में इकट्ठा होते थे और वहां से आंदोलन संबंधी गतिविधि को अंजाम देते थे।

उन्हें इसके लिए कीमत चुकानी पड़ी। 25 मार्च 1971 की रात को सेना की कार्रवाई के बाद, मधुसूदन डे को उनकी पत्नी, बड़े बेटे और बहू के साथ हत्या कर दी गई।

बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद, कैंटीन का औपचारिक रूप से नाम बदलकर मधु की कैंटीन कर दिया गया।

घटना के बारे में पूछे जाने पर, डीयू प्रॉक्टर प्रोफेसर एकेएम गोलम रब्बानी ने कहा, "यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि प्रतिमा को जानबूझकर या अनजाने में नुकसान पहुंचाया गया। संबंधित अधिकारियों को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है।"

मधुसूदन डे के योगदान और स्मृति के सम्मान में, 18 अप्रैल, 1995 को प्रतिमा का अनावरण किया गया था।

यह घटना ऐसे समय में हुई है जब जमात-ए-इस्लाम और हिफाजत-ए-इस्लाम समर्थित कट्टरपंथियों के नेता मामूनुर और बाबूनगरी ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को बुरिगंगा नदी में फेंकने की धमकी दी है।

उन्होंने घोषणा की है कि 'प्रतिमाएं शरिया के खिलाफ हैं और वे देश भर में लगी मूर्तियों को गिरा देंगे।(आईएएनएस)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news