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दिलजीत दोसांझ के ‘किंग ऑफ़ पंजाबी फ़िल्म्स’ बनने तक का सफ़र
05-Dec-2020 9:46 AM
दिलजीत दोसांझ के ‘किंग ऑफ़ पंजाबी फ़िल्म्स’ बनने तक का सफ़र

फ़िल्मी सितारों के बीच राजनीतिक मुद्दों पर ट्विटर पर बहस होना आजकल आम बात हो गई है. ऐसी ट्विटर वॉर अक्सर ख़बरों का हिस्सा बनती रहती है.

लेकिन, गुरुवार को एक ऐसा नाम इसमें जुड़ गया जिसे शायद ही पहले ऐसी बहसों में शामिल होते देखा गया था.

गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ की गुरुवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ ट्विटर पर बहस छिड़ गई, जिसने सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों को दो हिस्सों में बांट दिया.

ट्विटर पर दिलजीत दोसांझ और कंगना रनौत ट्रेंड करने लगे. वजह थी, कृषि बिलों को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में शामिल एक बुज़ुर्ग महिला महिंदर कौर.

कंगना रनौत ने कुछ दिनों पहले महिंदर कौर की तस्वीर डालते हुए लिखा था कि टाइम मैंगज़ीन की 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में आने वालीं दादी 100 रुपये में किसानों के विरोध प्रदर्शनों के लिए उपलब्ध हैं.

कंगना ने ये बात शाहीन बाग़ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वालीं बिल्क़ीस बानो के लिए लिखी थी और उन्होंने जो दो तस्वीरें पोस्ट की थीं उनमें से एक महिंदर कौर की थी. बाद में कंगना रनौत ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया.

इसके बाद दिलजीत दोसांझ ने बीबीसी का एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया जिसमें महिंदर कौर कंगना रनौत को जवाब दे रही हैं. दिलजीत ने कंगना रनौत को टैग करते हुए उन्हें महिंदर कौर की बात का जवाब देने के लिए कहा.

इसके बाद दोनों के बीच लड़ाई छिड़ गई और वो एक-दूसरे को आपमानजनक शब्दों में बुरा-भला कहने लगे. दोनों ने एक-दूसरे के लिए ‘किसी का पालतू’ होने जैसे शब्द भी इस्तेमाल किए.

इसके बाद ट्विटर पर #KanganaRanaut और #Diljit टॉप ट्रेंड में आ गए

दिलजीत दोसांझ का इंस्टाग्राम पेज किसानों की तस्वीरों और वीडियो से भरा हुआ है 

पहली बार ऐसा विवाद

कंगना रनौत लंबे समय से ट्विटर पर बहसों का हिस्सा बनती रही हैं. वो राजनीतिक मुद्दों पर लिखती हैं, कई बार विवादास्पद बयान भी देती हैं और उनकी ट्विटर वॉर जारी रहती है.

लेकिन, 36 साल के दिलजीत दोसांझ पहली बार इस तरह की चर्चा में आए हैं. अक्सर वो अपने ट्विटर हैंडल पर अपने नए गाने या फ़िल्म से जुड़े ट्वीट करते हैं. लॉकडाउन के दौरान जब वो मुंबई में फँस गए थे तो उन्होंने अपने खाना बनाने के वीडियो डाले थे.

बीबीसी पंजाबी सेवा के संवाददाता सुनील कटारिया बताते हैं, “दिलजीत दोसांझ कभी राजनीतिक विवादों में नहीं रहे. ये पहला मौक़ा होगा जब वो इस ट्विटर की लड़ाई में पड़े हों. हालांकि, उनकी अपनी पृष्ठभूमि भी किसान परिवार से है.”

हालांकि, दिलजीत दोसांझ किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर ख़ासे सक्रिय हैं और उससे जुड़े वीडियो और फ़ोटो डाल रहे हैं.

दिलजीत दोसांझ पंजाबी म्यूज़िक और फ़िल्म इंडस्ट्री का जानामाना नाम हैं. फैंस उन्हें ‘किंग ऑफ़ पंजाबी फ़िल्म्स’ भी कहना पसंद करते हैं.

दिलजीत ने बॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने बॉलीवुड फ़िल्मों में गायिकी से लेकर एक्टिंग तक हाथ आज़माया है. पिछले साल उनकी ‘गुड न्यूज़’ फ़िल्म आई जिसने अच्छा प्रदर्शन किया था.

हाल ही में उनकी ‘सूरज पे मंगल भारी’ फ़िल्म आई है जो एक कॉमेडी फ़िल्म है.

हिंदी फ़िल्मों और पंजाबी-हिंदी मिक्स गानों की लोकप्रियता के कारण हिंदी भाषी लोगों के बीच भी उनका ख़ासी पहचान बन चुकी है.

गुरबानी कीर्तन करने वाले दलजीत सिंह

लेकिन, ये पहचान उन्हें ऐसे ही नहीं मिली. गांव के मध्यमवर्गीय परिवार के एक लड़के के लिए फ़िल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाना आसान नहीं था.

दिलजीत दोसांझ ख़ुद एक किसान परिवार से आते हैं. जैसा कि वो अपने इंटरव्यू में बताते हैं कि उनका बचपन आर्थिक दिक़्क़तों के बीच गुज़रा है.

उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया है कि उन्होंने दसवीं तक ही पढ़ाई की और वो आगे पढ़ नहीं पाए.

वो पंजाब के जालंधर ज़िले में दोसांझ गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम बलबीर सिंह और मां का नाम सुखविंदर कौर है. उनका असली नाम दलजीत सिंह है जिसे उन्होंने बाद में बदलकर दिलजीत दोसांझ कर लिया.

दिलजीत को बचपन से गाने का शौक़ था और वो गुरुद्वारे में गुरबानी कीर्तन किया करते थे.

उस वक़्त शायद ही किसी ने सोचा होगा कि गुरबानी कीर्तन करने वाला लड़का एक दिन पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री में छा जाएगा.

गुरुद्वारे में आते-जाते लोगों को कहीं ना कहीं उस बच्चे की आवाज़ भा गई और उसे आगे मौक़े मिलते गए.

धीरे-धीरे दिलजीत दोसांझ के हुनर को पहचान मिली और वो पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री में आए.

दिलजीत को उनके फैंस ‘अर्बन पेंडू’ भी बुलाते हैं. अर्बन का हिंदी मतलब शहरी और पेंडू का मतलब पिंड (गांव), यानी उनके फैंस उन्हें शहरी और देहाती का मिश्रण मानते हैं.

सिंगर से बने एक्टर

अगर आप आज के दिलजीत दोसांझ को जानते हैं तो शायद आप उन्हें उनके पुराने गानों में पहचान भी ना पाएं. उनका स्टाइल से लेकर आत्मविश्वास, अब सब बदला चुका है.

हालांकि, इस शोहरत तक पहुंचने का रास्ता संघर्ष से भरा रहा है. अपने शुरुआती करियर में उन्होंने स्टेज शो लेकर शादी में परफॉर्मेंस भी किए. हालांकि, अब वो कहते हैं कि उन्हें शादी में परफॉर्म करने का समय नहीं मिल पाता है.

दिलजीत ने अपने करियर की शुरुआत पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री से की. उनकी पहली एलबम ‘इश्क दा उड़ा अड़ा’ फाइन टोन कैसेट्स के साथ साल 2004 में आई.

तब उनके सफ़र को एक संतोषजनक पड़ाव मिला और इसी दौरान वो दलजीत से दिलजीत भी हो गए.

इसके बाद उन्होंने फाइन टोन के साथ और भी म्यूज़िक एलबम बनाईं. उनकी तीसरी एलबम ‘स्माइल’ ख़ासी लोकप्रिय हुई.

साल 2011 में उन्होंने पंजाबी फ़िल्म इंडस्ट्री में क़दम रखा. उनकी पहली फ़िल्म ‘द लायन ऑफ़ पंजाब’ थी. हालांकि, फ़िल्म अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई लेकिन उसका गान ‘लख 28 कुड़ी दा’ काफ़ी पसंद किया गया.

इसके बाद दिलजीत ने ‘जिन्हें मेरा दिल लुटया’ फ़िल्म की जिसने अच्छा बिज़नेस किया.

अपनी पहली फ़िल्म की नाकामयाबी से दिलजीत दोसांझ थोड़े निराश हुए थे. उन्होंने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्होंने दो फ़िल्में करने के बाद एक्टिंग ना करने के बारे में सोच लिया था.

उन्होंने बताया, “मेरी पहली फ़िल्म रिलीज़ होने से पहले ही दूसरी फ़िल्म शूट हो गई थी. तब मैंने सोचा था कि अब फ़िल्म नहीं करूंगा, गाने ही ठीक हैं. लेकिन, दूसरी फ़िल्म हिट हो गई. फिर मुझे लगा कि ये भी ठीक है.”

पगड़ी और हीरो!

इसके बाद दिलजीत ने बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगर के तौर पर प्रेवश किया. उन्होंने ‘तेरे नाल लव हो गया’ फ़िल्म के लिए गाना गया. फिर उन्होंने और भी फ़िल्मों के गानों में अपनी आवाज़ दी.

दिलजीत दोसांझ साल 2016 में ‘उड़ता पंजाब’ फ़िल्म में अपनी भूमिका के कारण भी चर्चा में आए. इसमें उन्होंने करीना कपूर और शाहिद कपूर जैसे बड़े स्टार्स के साथ काम किया.

उन्होंने अनुष्का शर्मा और सूरज शर्मा के साथ ‘फिल्लोरी’ फ़िल्म भी की जिसमें वो एक गायक ही बने थे. साल 2018 में उन्होंने ‘सूरमा’ फ़िल्म में भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह का किरदार निभाया था.

अपने बॉलीवुड में आने को लेकर दिलजीत कहते हैं कि उनसे ये तक कहा गया था कि पग बांधने वाला बॉलीवुड में हीरो नहीं बन सकता.

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “उन्होंने मुझसे कहा था कि पग वालों को बॉलीवुड में हीरो का रोल नहीं मिल पाएगा. मैंने सोचा अगर ऐसा है तो कोई बात नहीं, मैं फ़िल्म नहीं करूँगा. लेकिन फिर ख़ुद मेरे पास फ़िल्म का ऑफ़र आ गया.”

"मैं एक रोल के लिए अपने आप को नहीं बदलूँगा. काम मिले ना मिले. फ़िल्मों के लिए पगड़ी पहनना नहीं छोड़ सकता.

दिलजीत को ऑडिशन देना पसंद नहीं है. वो अपने आपको कम घुलने-मिलने वाला व्यक्ति मानते हैं जो बॉलीवुड पार्टियों में शामिल होने से बचता है.

हालांकि, वो एक इंटरव्यू में इन सभी बातों को अपनी कमज़ोरी बताते हैं लेकिन वो खुद को बदलना भी नहीं चाहते हैं.

दिलजीत की ‘इंग्लिश-विंग्लिश’

दिलजीत अपने इंटरव्यू में बेहद सहज और शांत नज़र आते हैं. वो कई बार सहज भाव से मज़ाक़िया बातें भी बोल देते हैं जो लगता नहीं कोई इंटरव्यू में बोल देगा.

दिलजीत कई बार बता चुके हैं कि अंग्रेज़ी भाषा उनके लिए दूर की कौड़ी है. वो इसे सीखने की कोशिश भी कर चुके हैं लेकिन सफल नहीं हो पाए.

उन्होंने बताया कि कैसे ‘गुड न्यूज़’ फ़िल्म के लिए वोग मैगज़ीन के साथ अंग्रेज़ी के कारण एक इंटरव्यू नहीं कर पाए.

दिलजीत बड़े ही दिलचस्प अंदाज़ में एक इटंरव्यू में बताते हैं, “मैं तो हैरान ही हो गया जब उन्होंने सिर्फ़ एक फोटोशूट के लिए लंदन बुलाया. फोटोशूट तो कहीं भी हो सकता था. वहां वन टू वन इंटरव्यू था लेकिन अंग्रेज़ी में. मैं तो चुपचाप साइड होकर निकल लिया.”

हालांकि, भाषा का उनके करियर पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा. उन्होंने पंजाबी और हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में सफलता ही हासिल की है.

उन्हें जट एंड जूलियट और पंजाब 1984 फ़िल्मों के लिए पीटीसी पंजाबी फ़िल्म अवॉर्ड्स और उड़ता पंजाब के लिए बेस्ट मेल डेब्यू का फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है.

दिलजीत से जुड़े विवाद

सौम्य और शांत दिखने वाला ये गायक और अभिनेता विवादों से अछूता नहीं रहा है. उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन तक हो चुके हैं.

इसी साल जून में दिलजीत दोसांझ तब विवादों में आए थे जब कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने उनके गाने 'रंगरूट' और जैजी बी के 'पुत जट्टा दां' पर आपत्ति जताई थी. उनका आरोप था कि ये गाने ख़ालिस्तानी एजेंडे को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से इन दोनों के ख़िलाफ़ देशद्रोह की शिकायत करने की अपील की थी.

इसके दवाब में दिलजीत दोसांझ ने एक वीडियो जारी कर कहा था, “जिस गाने पर आपत्ति जताई जा रही है, वह साल 2014 की फ़िल्म 'पंजाब 1984' का है. इस फ़िल्म और उसके गानों को सेंसर बोर्ड ने मंज़ूरी दी थी. अगर इसमें कोई आपत्तिजनक बात होती तो सेंसर बोर्ड पास क्यों करता? मैं भारत में टैक्स देता हूं और हमेशा भारत के साथ खड़ा हूं.”

इससे पहले दिलजीत दोसांझ अपने एक गाने ’15 साल’ को लेकर विवादों में घिरे थे. ये गाना ‘अर्बन पेंडू’ नाम की उनकी म्यूज़िक एलबम का हिस्सा था.

उन पर उस गाने में नाबालिग़ लड़कियों को ग़लत तरीक़े से पेश करने का आरोप लगा था.

कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके घर के सामने विरोध प्रदर्शन किया था और उनसे माफ़ी मांगने के लिए कहा था.

इस पर दिलजीत का कहना था कि उनका ये गाना सामाजिक संदेश देता है कि कैसे लड़कियां कम उम्र में ही शराब और नशा करने लगती हैं.

हालांकि, बाद में उन्होंने ‘अर्बन पेंडू’ एलबम को रिलीज़ ना करने का फ़ैसला लिया लेकिन वो गाना ऑनलाइन रिलीज़ हो चुका था.

भारतीय मीडिया में आईं ख़बरों के मुताबिक़ दिलजीत शादीशुदा हैं और उनका एक बच्चा भी है. हालांकि, कहा जाता है वो अपनी शादीशुदा ज़िंदगी पर बहुत कम बात करते हैं.

दिलजीत फ़िल्म और म्यूज़िक दोनों पर अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश करते हैं. उन्होंने लॉकडाउन में अपनी एक म्यूज़िक एलबम ‘जी.ओ.ए.टी (ग्रेटेस्ट ऑफ़ ऑल टाइम)’ रिलीज़ की है.

इसके बाद दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “बचपन में मेरी मां हमेशा कहती थी कि बेटा हमारा कोई साइड बिज़नेस नहीं है. अगर तुम कोई काम नहीं करोगे तो फिर तुम ज़िंदगी में बहुत पीछे रह जाओगे. मैंने बहुत ग़रीबी के दिन देखे हैं. ज़िंदगी में एक असुरक्षा है कि कहीं चीज़ें चली ना जाएं और मैं खो ना दूं, जो मुझसे लगातार मेहनत कराती है.”

अब भी दिलजीत कई प्रोजेक्ट्स से जुड़े हुए हैं. नेटफ्लिक्स की एक फ़िल्म ‘दिल्ली 1984’ की शूटिंग शुरू होने वाली है. ये 1984 के दंगों पर आधारित है. साथ ही निर्देशक शाद अली के साथ एक फ़िल्म की शूटिंग चल रही है. जल्द ही उनकी एक पंजाबी फ़िल्म आने वाली है. (bbc)

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