अंतरराष्ट्रीय
अर्जेंटीना, 6 दिसंबर । लातिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए एक नया संपत्ति क़ानून पास किया है जिसके तहत देश के पूंजीपतियों पर एक ख़ास टैक्स लगया जाएगा।
सरकार का कहना है कि इससे इक_ा किए धन का इस्तेमाल दवा और जरूरी चीजों को खरीदने में और राहत कार्य में किया जाएगा।
शुक्रवार को सीनेटरों ने लखपतियों पर टैक्स कहे जा रहे इस विशेष संपत्ति कर के प्रस्ताव को 42 मतों से पारित कर दिया। इसके विरोध में 26 मत पड़े।
इस नए कानून के अनुसार ये टैक्स एक बार ही लगाया जाएगा। ये उन लोगों पर लागू होगा जिनके पास 20 करोड़ पेसो यानी 25 लाख डॉलर से अधिक की संपत्ति है। देश में करीब 12,000 ऐसे लखपति हैं जिन्हें इस टैक्स के तहत सरकार को कर देना होगा।
अर्जेंटीना में अब तक कोरोना संक्रमण के 15 लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं जबकि 40,000 लोगों की मौत इस वायरस के कारण हुई है।
अक्तूबर के महीने में यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 लाख हो गई थी। मात्र 4।5 करोड़ की आबादी वाला ये देश कोरोना से बुरी तरह प्रभावित देशों की सूची में दुनिया का पाँचवा और सबसे छोटा देश बन गया था।
पहले से ही बेरोजगारी, गरीबी और सरकारी कर्ज की समस्या से जूझ रहे इस मुल्क की अर्थव्यवस्था के लिए कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन ने और मुश्किलें खड़ी कर दीं। 2018 से ही अर्जेंटीना आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है।
कानून का समर्थन कर रहे एक मंत्री का कहना है कि इस नए टैक्स क़ानून का असर केवल देश के 0।8 फीसदी करदाताओं पर पड़ेगा। जो लोग इसके दायरे में आएंगे उन्हें देश के भीतर मौजूद संपत्ति पर 3।5 फीसदी और देश के बाहर मौजूद संपत्ति पर 5।25 फ़ीसदी टैक्स देना होगा।
बचे धन में से 20 फीसदी छोटे और मझोले कारोबार को राहत पहुंचाने के लिए, 20 फीसदी छात्रों को स्कॉलरशिप देने के लिए, 15 फीसदी सामाजिक विकास के लिए और बाकी 25 फीसदी का इस्तेमाल प्राकृतिक गैस से जुड़े उद्योगों में किया जाएगा।
मध्यमार्गी-वामपंथी राष्ट्रपति अल्बेर्टो फर्नान्डेज़ की सरकार को उम्मीद है कि इस नए टैक्स की मदद से वो 300 अरब पेसो तक इक_ा कर सकेगी।
हालांकि विपक्षी गुटों का कहना है कि एक तरफ़ इससे विदेशी निवेशकों को निराशा होगी तो दूसरी तरफ ये एक बार लगने वाला टैक्स बन कर नहीं रहेगा।मध्यमार्गी-दक्षिणपंथी पार्टी के यून्तोस पोर एल कैम्बियो का कहना है कि एक तरह से व्यक्ति की संपत्ति जब्त करने जैसा है।(bbc.com)