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पाक अस्पताल में नहीं मिली ऑक्सीजन, मारे गए कोरोना मरीज
07-Dec-2020 9:42 PM
पाक  अस्पताल में नहीं मिली ऑक्सीजन, मारे गए कोरोना मरीज

पाकिस्तान के एक अस्पताल में ऑक्सीजन के किल्लत के चलते कई लोग मारे गए हैं. पेशावर के अस्पताल में मरीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना यूं ही छोड़ दिया गया.

   (dw.com)

पेशावर के सरकारी अस्पताल में कोरोना के छह मरीजों की मौत आइसोलेशन वॉर्ड में हुई जबकि एक मरीज आईसीयू में मारा गया. मामले की शुरुआती जांच में संकेत मिलता है कि मरीजों को ऑक्सीजन मिलने में देरी हुई. इस मामले में अस्पताल के छह कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है.

रिपोर्ट कहती है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी पहले भी होती रही है और किसी ने इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया और ना ही आपात स्थिति के लिए कोई बैकअप ऑक्सीजन रखी गई. निलंबित होने वाले लोगों में अस्पताल के निदेशक भी शामिल हैं.

मंत्री ने उठाए सवाल

प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री तैमूर सलीम झगड़ा ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि अगले पांच दिनों में अधिकारी मामले की गहराई से पड़ताल करने के लिए एक और जांच करेंगे. उन्होंने कहा, "शाम आठ बजे के आसपास अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो गई, लेकिन वे लोग 12 बजे तक कैसे इस समस्या को हल नहीं कर पाए?" उन्होंने बताया, "कुछ कर्मचारी छुट्टी पर थे, कुछ गैरहाजिर और फिर कुछ वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, यहां तक कि आपात दस्ता भी वहां नहीं था."

अस्पताल के प्रवक्ता फरहाद खान ने बताया कि जो वेंडर अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई करता है, वह समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाया. उन्होंने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन 190 किलोमीटर दूर रावलपिंडी से आती है. प्रवक्ता ने बताया कि ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा से लगभग 200 लोग प्रभावित हुए, जिनमें करीब 100 कोरोना के मरीज थे.

पाकिस्तान में फरवरी से लेकर अब तक कोरोना के 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं जबकि आठ हजार लोग इस महामारी की वजह से मारे गए हैं. पाकिस्तान के अस्पतालों में आईसीयू लगभग फुल हो गए हैं. ऐसे में बढ़ते संक्रमण के मामलों के बीच प्रांतीय सरकारों को जूझना पड़ रहा है.

पाकिस्तान में संक्रमित लोगों की असल संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है क्योंकि देश भर में सिर्फ 58 लाख लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ है. इस तरह कुल 22 करोड़ की आबादी में सिर्फ 2.6 प्रतिशत लोगों का टेस्ट किया गया है.  

चरमराई व्यवस्था

पाकिस्तान के मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव सज्जाद कैसर ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया, "हम बहुत ही गंभीर स्थिति में हैं क्योंकि नए मामलों के साथ स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है." उन्होंने बताया कि अस्पताल कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित लोगों से भरे पड़े हैं. वह कहते हैं, "किसी नए मरीज को तभी बेड मिल सकता है, या तो वह भाग्यशाली हो या फिर किसी अन्य मरीज को छुट्टी मिली हो." पाकिस्तान में हर दिन सामने आने वाले संक्रमण के मामले लगातार पढ़ रहे हैं. दो दिसंबर से हर दिन वहां तीन हजार नए मामले रिपोर्ट हो रहे हैं.

संक्रमण की रफ्तार को कम करने के लिए पिछले महीने पाकिस्तान ने शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया और सबसे गंभीर हालात वाले इलाकों में लॉकडाउन लगा दिया. हालांकि बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सार्वजनिक परिवहन को बंद नहीं किया गया.

विपक्षी पार्टियां भी सरकार विरोधी रैलियां कर रही हैं जिनमें हजारों लोग आते हैं. वहां ना तो किसी को मास्क की फिक्र दिखती है और ना ही सोशल डिस्टैंसिंग की. पाकिस्तान दुनिया में पांचवां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है लेकिन उसकी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है.

एके/ओएसजे (एपी, एएफपी, डीपीए)

 

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