अंतरराष्ट्रीय
रूसी अनुसंधान संस्थान, दुश्मन के ड्रोन विमानों को डिटेक्ट, ट्रैक और कैप्चर करने के लिए एक नए ड्रोन "नेट" को पेटेंट करने पर काम कर रहा है
विशेष प्रकार के इस नेट को ड्रोन विमानों का शिकार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह एक दिलचस्प घटनाक्रम है, इस अभूतपूर्व अविष्कार के ज़रिए रूसी सेना को ड्रोन हथियारों का मुक़ाबला करने के लिए एक अनोखा हथियार प्राप्त हो जाएगा।
एक नेट (जाल) की तरह प्रतीत होता है, जिसका उद्देश्य हमलावर ड्रोन विमानों को क़ाबू में करना और उन्हें कैप्चर करना है। रूसी समाचार एजेंसी तास ने इस नए हथियार के बारे में विस्तृत जानकारी दी है।
तास की रिपोर्ट के मुताबिक़, इंटरसेप्टर ड्रोन में कम से कम दो इंजन होते हैं, जो विभिन्न दिशाओं में गर्दिश करता है, इस ड्रोन की एक विशिष्टता यह है कि एक एयरोडाइनामिक संरचना, एक पकड़ने वाले जाल पर आधारित होती है।
विरोधी ड्रोन विमानों का शिकार करने वाला यह ड्रोन, रूस की सरकारी कंपनी रोस्टेक कॉरपोरेशन द्वारा बनाया जा रहा है, जो ड्रोन डिफ़ेंस, किलर-इंटरसेप्टर ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक वारफ़ेयर सिस्टम का एक भाग है। लेकिन यह नया अविष्कार, निश्चित रूप से दुश्मन के ड्रोन को पकड़ने और फंसाने के लिए है।
नेट का साइज़ और उसका खिंचाव, शिकार को पकड़ने और उसे दबोचे रखने की क्षमता रखता है। इसी तरह से यह ड्रोन डिफेंस सिस्टम, जासूसी करने का भी अवसर प्रदान करता है। इससे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को जांच के लिए बिना क्षतिग्रस्त हुए तथा ऑपरेशन की हालत में ड्रोन को पकड़ने सहायता मिलेगी। इससे नए ड्रोनों के निर्माण के लिए भी मार्ग प्रशस्त होगा।
मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक हमलावर ड्रोन के उड़ान मार्ग को जाम करने, उसे मार गिराने, अक्षम करने या यहां तक कि उसे "टेक ओवर" करने पर आधारित है।
एक हमलावर ड्रोन को हैक करने या फिर कैप्चर करने के लिए यह फ़ायरिंग नेट उपयोगी साबित हो सकता है, लेकिन उसे पहले दुनिया भर के उन्नत ड्रोन विमानों के मुक़ाबले में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करना होगा। (parstoday.com)