राजनीति

पांच साल में 4 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार
12-Dec-2020 8:18 PM
पांच साल में 4 लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार

लखनऊ , 12 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पांच साल में चार लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। उपमुख्यमंत्री ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा लाई गई नई इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी-2020 के तहत अगले 5 साल में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इन पांच साल में चार लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। राज्य में तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सैमसंग जैसी और भी कंपनियां यूपी में निवेश करें। इसके लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। शर्मा ने कहा कि इसके अलावा ली-आयन सेल के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को राज्य सरकार ने सैद्घान्तिक मंजूरी दे दी है।

आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा पिछले तीन साल में किए कामों का ब्यौरा देते हुए उप मुख्यमंत्री ने बताया कि तीन साल के दौरान इस इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। जिससे प्रदेश में तीन लाख से अधिक रोजगार के अवसर युवाओं को मिले।

अपर मुख्य सचिव, आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स आलोक कुमार ने बताया कि हर राजस्व मंडल में आईटी पार्क बनाया जाएगा। जिसमें 200 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। जिससे 15,000 रोजगार की संभावना पैदा होगी। मौजूदा समय में मेरठ, आगरा, वाराणसी और गोरखपुर में नए आईटी पार्क पर काम किया जा रहा है। इन आईटी पार्क को अगले साल तक शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा लखनऊ में 40 एकड़ जमीन पर एक अत्याधुनिक आईटी कॉम्प्लेक्स, एक आईटी पार्क और देश का सबसे बड़ा इन्क्यूबेटर सेंटर बनाए जाने की योजना है।

हर जिले में बनेंगे इन्क्यूबेटर स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर जिले में इन्क्यूबेटर बनाएगी। राज्य सरकार की योजना प्रदेश में कुल 100 इन्क्यूबेटर खोलने की है। बड़े जिलों में एक से अधिक इन्क्यूबेटर बनाए जाएंगे। ताकि स्टार्टअप्स को मदद मिल सके। इन स्टार्टअप्स के जरिए राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर युवाओं को स्वरोजगार देने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार ने इन इन्क्यूबेटर्स के जरिए 10,000 स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की योजना है।

इससे 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष और एक लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। मौजूदा समय में प्रदेश में 3300 से अधिक स्टार्टअप इकाईयां काम कर रही हैं। मौजूदा समय में प्रदेश में 18 इन्क्यूबेटर्स काम कर रहे हैं। इन्क्यूबेटर्स और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक अनलाइन पोर्टल भी शुरू किया गया है। स्टार्टअप की वित्तीय मदद के लिए राज्य सरकार ने 1000 करोड़ रुपये का स्टार्टअप फंड बनाया है। इन्क्यूबेटर के लिए बांदा, वाराणसी, नोएडा, लखनऊ , मथुरा और गाजियाबाद जिले को मंजूरी दी गयी है।

उप मुख्यमंत्री ़दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में दो जनसेवा केंद्र खोले जाएंगे। वहीं शहरी क्षेत्र में हर 10,000 की आबादी पर दो जन सेवा केंद्र खोले जाएंगे। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस परियोजना से लगभग 4़5 लाख ग्रामीण युवा उद्यमियों को स्वरोजगार मिलेगा।

डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार की 27 विभागों की 130 डीबीटी योजनाओं को अनबोर्ड किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 56,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में उपलब्ध कराई गई है।  (आईएएनएस)

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