राजनीति
नई दिल्ली, 15 दिसंबर | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में मसौदा मतदाता सूची (ड्राफ्ट वोटर्स लिस्ट) के प्रकाशन के लिए तैनात आयोग के कर्मियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। बंगाल भाजपा की ओर से लिखा यह पत्र मंगलवार को प्रकाश में आया। बंगाल भाजपा ने गंभीर आरोप लगाते हुए नए मतदाता पंजीकरण में अचानक हुई वृद्धि पर आपत्ति जताई है, जिसे सीमा पार से अवैध घुसपैठ से जोड़ा जा रहा है। पार्टी ने चुनाव आयोग को लिखे इस पत्र में रोहिंग्या प्रवास के मुद्दे को भी उठाया है।
विधायक सब्यसाची दत्ता ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा को लिखे पत्र में कहा है, "रोहिंग्याओं के अवैध रूप से सीमा के दूसरी ओर से पलायन करने और पश्चिम बंगाल की घनी आबादी वाले राज्य में मिलाने के सवाल को खारिज नहीं किया जा सकता।"
उन्होंने शिकायत करते हुए कहा, "हाल ही में यह देखा गया है कि बांग्लादेश के साथ सीमाओं को साझा करने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में नए मतदाता पंजीकरण में अचानक वृद्धि देखी है, जो स्थानीय सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से समर्थित अवैध सीमा-पार घुसपैठ की एक धारणा पेश करता है।"
भाजपा नेता ने कहा, "अगर इसकी अनुमति दी जाती है, तो इससे न केवल देश की सुरक्षा प्रभावित होगी, बल्कि पूरी चुनाव प्रक्रिया पर भी गहरा असर पड़ेगा।"
पार्टी ने तर्क दिया कि नई टाउनशिप के क्षेत्रों में वृद्धि समझ में आती है और इसलिए पार्टी के लिए यह स्वीकार्य भी है। मगर उसे वहां पर इसकी वृद्धि पर आपत्ति है, जहां न तो नई टाउनशिप सामने आई है, न ही पलायन हुआ है।
भाजपा विधायक ने अपने पत्र में यहां तक आरोप लगाया है कि उन्होंने मतदाता सूची के मसौदे को संभालने वाले चुनाव आयोग के कर्मियों के कर्तव्य निर्वहन में विसंगतियां पाई हैं। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मसौदा सूची तैयार करने वालों का सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को संतुष्ट करना ही मुख्य उद्देश्य है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के संबंधित कर्मचारी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए ऐसे गलत कामों में लिप्त हैं।
पश्चिम बंगाल में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। (आईएएनएस)