अंतरराष्ट्रीय
ब्रिटेन में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इस पर काबू पाया जा सकता है. वैज्ञानिकों के बीच भी इस बात पर लगभग सहमति है कि वैक्सीनें इसके आगे बेअसर साबित नहीं होंगी.
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से बचने के लिए दुनिया भर में दर्जनों देशों ने ब्रिटेन से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसकी वजह से कई जगह यात्री हवाई अड्डों पर ही फंस गए हैं. यूरोप में कई जगह राज्यमार्गों पर लंबी कतारें भी लग रही हैं. यूरोप के अलावा भारत, पाकिस्तान, सऊदी अरब, हांगकांग और कनाडा जैसे देशों ने भी ब्रिटेन से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए हैं.
ब्रिटेन के विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस की यह नई किस्म 70 प्रतिशत ज्यादा तेजी से फैलती है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि नए स्ट्रेन को रोकना संभव है. संगठन के स्वास्थ्य आपात काल प्रमुख माइक रायन ने जिनेवा में एक प्रेस वार्ता में बताया, "स्थिति काबू से बाहर नहीं है लेकिन इसे अपने पर छोड़ा भी नहीं जा सकता है."
उन्होंने सभी देशों को उन सभी कदमों को उठाने को कहा जिनकी सफलता साबित हो चुकी है. संगठन के अनुसार, नए स्ट्रेन से जिन्हें संक्रमण हो जाता है वो औसतन 1.5 और लोगों को संक्रमित करते हैं , जबकि ब्रिटेन में पहले से मौजूद स्ट्रेनों की रिप्रोडक्शन दर 1.1 है. वायरस-विज्ञानियों के बीच इस बात पर लगभग सहमति भी है कि इस के आगे मौजूदा वैक्सीनें बेअसर नहीं होंगी.
यूरोप में कई जगह राज्यमार्गों पर लंबी कतारें भी लग रही हैं. यूरोप के अलावा भारत, पाकिस्तान, सऊदी अरब, हांगकांग और कनाडा जैसे देशों ने भी ब्रिटेन से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए हैं.
वैक्सीन बनाने वाली जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक के प्रमुख उगुर साहीन ने डीपीए को बताया कि उनकी कंपनी ने उनकी वैक्सीन की वायरस की 20 अलग अलग किस्मों के खिलाफ जांच कर चुकी है और उन जांचों में सफल इम्यून प्रतिक्रिया देखी गई है जिसने वायरस को निष्क्रिय कर दिया. साहीन ने यह भी बताया कि नया स्ट्रेन एक और मजबूत म्युटेशन का नतीजा है और अगले दो हफ्तों तक वैक्सीन की इसके खिलाफ भी जांच की जाएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य कोविड-19 वैज्ञानिक मारिया वान करखोव ने बताया कि ब्रिटेन के वैज्ञानिक यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि रिप्रोडक्शन दर में आई इस बढ़ोतरी के लिए वायरस में आए बदलाव ज्यादा जिम्मेदार हैं या लोगों के बीच व्यवहारवादी फैक्टर. उन्होंने यह जोर दे कर कहा कि अभी तक इस बात का कोई प्रमाण सामने नहीं आया है कि नए स्ट्रेन से और ज्यादा गंभीर या और ज्यादा घातक बीमारियां होती हैं.
संगठन ने बताया ब्रिटेन में पाई गई वायरस की किस्म ऑस्ट्रेलिया, आइसलैंड, इटली और नीदरलैंड्स में भी कुछ व्यक्तियों में पाए गए हैं. कुछ मामले डेनमार्क में भी सामने आए हैं. यूरोपीय संघ एक संयोजित प्रतिक्रिया की दिशा में काम कर रहा है. शेंगेन इलाकों में सीमाओं को खुला रखने की भी मांग उठ रही है.
इन मुद्दों पर मंगलवार को संघ के राजदूतों के बीच चर्चा होगी. कुछ देशों ने यात्रा संबंधी प्रतिबंधों को और विस्तृत रूप से लागू कर दिया है. तुर्की ने डेनमार्क, नीदरलैंड्स और दक्षिण अफ्रीका से भी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस्राएल ने पूरी तरह से विदेशी यात्रियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
सीके/एए (डीपीए)