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पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में एक हिंदू मंदिर के निर्माण की इजाजत दे दी है. छह महीने पहले कट्टरपंथी गुटों द्वारा दबाव के कारण काम को रोक दिया गया था.
इस्लामाबाद में यह पहला हिंदू मंदिर होगा और इसके निर्माण पर सरकार का पैसा नहीं लगेगा क्योंकि कुछ धार्मिक संगठनों की चिंताओं को देखते हुए सरकार ने धन नहीं देने का फैसला किया है. इस्लामाबाद में हिंदुओं के नेता प्रीतम दास ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया, "अधिकारियों ने मंदिर बनाने की अनुमति दी है, लेकिन इसके निर्माण में सरकार से वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी."
जून महीने में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पांच लाख डॉलर मंदिर, सामुदायिक भवन और श्मशान बनाने के लिए देने की घोषणा की थी लेकिन कुछ इस्लामी नेताओं ने इसका विरोध किया और इसे गैर-इस्लामी बताया. सीडीए ने श्री कृष्ण मंदिर की चारदीवारी के निर्माण कार्य को रोक दिया था. जुलाई महीने में कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने इसमें तोड़फोड़ भी की थी.
इसके बाद सरकार ने इस्लामिक वैचारिक परिषद (सीआईआई) को मामला सौंपा, इस्लामिक स्कॉलरों ने सरकार को सरकारी पैसे के इस्तेमाल नहीं करने का सुझाव दिया. परिषद ने मंदिर निर्माण के लिए पैसे देने को गैर-इस्लामी बताया. सीआईआई सरकार को इस्लामिक मामलों से जु़ड़े सुझाव देती है. दास के मुताबिक सीडीए ने सोमवार को मंदिर निर्माण की इजाजत दी है. लेकिन उनके मुताबिक समुदाय के पास दोबारा निर्माण कार्य शुरू करने के लिए धन नहीं है. निर्माण कार्य छह महीने पहले बंद कर दिया गया था. दास का कहना है कि चारदीवारी बनाने के लिए करीब 20 लाख रुपये का खर्च आएगा. दास कहते हैं, "हम धन जुटाने का अभियान दोबारा शुरू करेंगे और उसके बाद पहले चरण में चारदीवारी का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा."
इस्लामाबाद में करीब तीन हजार हिंदू रहते हैं लेकिन उनके पास पूजा के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी करीब 80 लाख के करीब है, अधिकतर हिंदू दक्षिणी प्रांत सिंध में रहते हैं.
एए/सीके (डीपीए)