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लेबनान की राजधानी बेरूत में धमाके को हुए चार महीने पूरे हो गए है. लेकिन मृतकों के परिजनों को अब भी उनके सवालों का जवाब नहीं मिला है. जांचकर्ताओं ने अब तक जांच रिपोर्ट नहीं जारी की है.
बेरूत,24 दिसम्बर | ट्रेसी और पॉल नज्जर को लगता है कि उनकी बेटी अलेक्रजांड्रा आज जीवित होती अगर 4 अगस्त को हुए धमाके के पहले अधिकारी समय पर सतर्क हो जाते. तीन साल की बेटी के चले जाने के गम में डूबे माता-पिता आज भी सवाल करते हैं कि आखिर क्यों नहीं किसी अधिकारी ने धधकती आग को लेकर चेतावनी जारी की. आग उस वक्त भड़क उठी थी जब शहर के बंदरगाह के गोदामों में 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट खाद में विस्फोट हो गया था.
ट्रेसी नज्जर कहती हैं, "उनके पास 40 मिनट थे, यह कहने के लिए कि बेरूत छोड़ कर चले जाओ, खिड़कियों से हट जाओ, छिप जाओ. उन्होंने ऐसा नहीं किया." 34 साल की ट्रेसी धमाके के वक्त परिवार के साथ जेमेजेयह जिले में अपने घर पर थीं. धमाका उनके घर के पास बंदरगाह में हुआ था. जब रॉयटर्स ने इन सवालों पर सुरक्षा अधिकारियों से सवाल किए तो उन्होंने टिप्पणी नहीं की.
4 अगस्त का धमाका गैर-परमाणु वाला सबसे शक्तिशाली धमाका था. धमाके में 220 लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हो गए. शक्तिशाली विस्फोट से राजधानी बेरूत तहस-नहस हो गई थी. चार महीने से अधिक समय के बाद भी पीड़ितों को इस जवाब का इंतजार है कि संभावित रूप से विस्फोटक सामग्री को बंदरगाह पर अनिश्चित रूप से क्यों पिछले छह साल तक रखा गया था, जो कि आवासीय क्षेत्रों से घिरा हुआ है.
लेबनानी नेताओं ने वादा किया था कि जांच के नतीजे कुछ ही दिनों में आ जाएंगे. हफ्ते और महीने बीतने के बाद भी नज्जर को जवाब नहीं मिला है.
किसकी जिम्मेदारी
कुछ लोगों को लगता है कि धमाका और उसके बाद की स्थिति को संभालने में नेताओं की भूमिका देश को और संकट की ओर ले जा रही है. कई वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें बंदरगाह के जनरल मैनेजर और कस्टम विभाग के प्रमुख शामिल हैं, हिरासत में लिए जा चुके हैं. जांच कर रहे जज ने कार्यकारी प्रधानमंत्री हसन दियाब और तीन पूर्व मंत्रियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. दियाब के मंत्रिमंडल ने धमाके के बाद इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा है कि उनकी अन्तरात्मा साफ है और जज संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स और वरिष्ठ सूत्रों द्वारा देखे गए दस्तावेजों के मुताबिक जुलाई महीने में ही सुरक्षा अधिकारियों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को चेतावनी दी थी कि बंदरगाह पर रखा अमोनियम नाइट्रेट सुरक्षा के लिए खतरा है और अगर इसमें विस्फोट होता है तो यह राजधानी को तबाह कर सकता है.
धमाके के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया था कि धमाका वेल्डिंग के कारण हुआ था. वहीं अमेरिकी जांच एजेंसी ने बेरूत में भी जांच दल भेजा था, अक्टूबर में उसने कहा था कि वह विस्फोट के कारण के बारे में कोई ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई है. अमेरिकी और यूरोपीय सरकारी एजेंसी जो जांच पर करीब से नजर रख रही है, उनका मानना है कि धमाका आकस्मिक था.