अंतरराष्ट्रीय

संकट के बीच नेपाली पीएम से मिला चीनी प्रतिनिधि मंडल
28-Dec-2020 3:00 PM
संकट के बीच नेपाली पीएम से मिला चीनी प्रतिनिधि मंडल

photo credit thapaji surya

नेपाल में सत्ताधारी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन को रोकने के लिए चीन कोशिश कर रहा है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के खेमों में पार्टी बँट गई है. दूसरी तरफ़ पीएम ओली ने संसद को भी भंग कर दिया गया है.

कहा जा रहा है चीन नेपाल के राजनीतिक घटनाक्रम से ख़ुश नहीं है और वो चाहता है कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी एकजुट रहे. इसी को देखते हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग का एक प्रतिनिधिमंडल उपमंत्री गोउ येज़ोउ के नेतृत्व में रविवार को काठमांडू पहुँचा है.

नेपाल के वरिष्ठ लेखक कनकमणि दीक्षित ने आरोप लगाया है कि यह प्रतिनिधिमंडल प्रचंड के आमंत्रण पर आया प्रतीत होता है. उन्होंने कहा है कि जब संसद भंग करने को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो ऐसे में समय चीनी प्रतिनिधिमंडल का आना दुखद है.

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने चीनी प्रतिनिधिमंडल से ओली की मुलाक़ात की तस्वीरें पोस्ट की हैं. सूर्य थापा ने इसे शिष्टाचार भेंट कहा है. नेपाल में कहा जा रहा है कि ओली का यह क़दम चीन के लिए भी हैरान करने वाला है. भारतीय मीडिया में अब तक ओली को चीन समर्थक कहा जाता था लेकिन अभी यहाँ भी ओली को लेकर चुप्पी है. भारत सरकार भी पूरे मामले को किसी दर्शक की तरह देख रही है जबकि चीन पूरी तरह से सक्रिय है.

नेपाल के वर्तमान राजनीतिक संकट में चीन खुलकर सामने आया है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पिछले रविवार को अचानक से संसद को भंग कर दिया था. उनके इस फ़ैसले से सत्ताधारी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी दो खेमों में बँट गई है. एक धड़े का नेतृत्व प्रधानमंत्री ओली कर रहे हैं और दूसरे धड़े का पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड'.

चीन को नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी का इस तरह बँटना ठीक नहीं लगा. रविवार को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विंग के उप-मंत्री गुओ येज़ोऊ एक उच्चस्तरीय टीम के साथ नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुँचे.

यह टीम नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों धड़ों से बात करेगी. अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को चीनी टीम नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराषट्रीय विंग से भी मुलाक़ात करेगी.

नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विंग का प्रभार पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल के पास है.

द हिन्दू अख़बार से नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के उप-प्रमुख राम कार्की ने कहा, ''हमलोगों के बीच भाईचारे का रिश्ता न केवल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना से है बल्कि भारत और बांग्लादेश की वामपंथी पार्टियों से भी है. हमलोगों के बीच आपसी बातचीत होती रहती है. यह एक रुटीन दौरा है. हमारे प्रतिनिधिमंडल का आना जाना लगा रहता है.''

द हिन्दू के अनुसार चीन की यह टीम नेपाली संसद यानी प्रतिनिधि सभा भंग करने को लेकर ओली और प्रचंड खेमे से बात करेगी. उम्मीद की जा रही है कि चीनी प्रतिनिधिमंडल से ओली और प्रचंड दोनों की मुलाक़ात होगी. ओली और प्रचंड दोनों नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी पर अपना-अपना दावा पेश कर रहे हैं. दोनों एक दूसरे के ख़िलाफ़ कार्रवाई भी कर रहे हैं.

कार्की ने द हिन्दू से कहा कि पार्टी में विभाजन को लेकर ओली को अहसास होगा कि उन्होंने ग़लती की थी. कार्की ने कहा कि 20 दिसंबर को ओली ने संसद भंग कर ग़लत क़दम उठाया था. कार्की ने कहा कि ओली कम्युनिस्ट एजेंडा चलाने के बजाय नव उदारवाद की राह पर बढ़ रहे हैं.

उन्होंने कहा, “उनके सत्तावादी व्यवहार को देखते हुए यह नहीं लगता है कि वो अपनी ग़लती स्वीकार करेंगे. यह उस तरह का रुझान दिखा रहे हैं जो आज के समय में हम दुनिया के कई देशों में देख रहे हैं.”

दोनों पक्षों के बीच कई महीनों के तनाव के बाद नेपाल में चीन की राजदूत होऊ यांकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए ओली और प्रचंड के बीच बातचीत कराई थी. (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news