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पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में पिछले दिनों जिस हिंदू मंदिर को मुस्लिम दंगाइयों ने तबाह कर दिया था, प्रांतीय सरकार उसे फिर से बनवाएगी. मंदिर पर हमले के सिलसिले में 45 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
पाकिस्तान,04 जनवरी | पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में एक दूर दराज के गांव में स्थित मंदिर पर पिछले दिनों हमला किया गया था. मंदिर पर हमला करने वाले उसके विस्तार का विरोध कर रहे थे. मंदिर को आग लगाने से पहले उन्होंने हथौड़ों से उसकी दीवारों को तोड़ा.
प्रांतीय सरकार के सूचना मंत्री कामरान बंगश ने बताया, "हमले से जो भी नुकसान हुआ, उसका हमें अफसोस है. मुख्यमंत्री ने मंदिर और उसके पास के मकान को फिर से बनाने का आदेश दिया है." उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय से बात कर मंदिर के निर्माण का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा. उन्होंने मंदिर की सुरक्षा का वादा भी किया.
पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर पर हमले के सिलसिले में अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. पेशावर से 160 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर को 1997 में भी इस तरह निशाना बनाया गया था. उस वक्त भी इसका दोबारा निर्माण कराया गया था. इस इलाके में हिंदू नहीं रहते, लेकिन समय समय पर यहां बहुत से श्रद्धालु आते हैं.
पाकिस्तान की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी सिर्फ दो फीसदी है जबकि वहां 97 फीसदी मुसलमान हैं. पाकिस्तान का हिंदू समुदाय अकसर अपने साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाता है. उनके पूजा स्थलों को भी निशाना बनाया जाता है. मंदिर पर हमले के विरोध में पिछले दिनों देश के सबसे बड़े शहर कराची में हिंदू समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन भी किया. इनमें राष्ट्रीय असेंबली के सदस्य रमेश कुमार और प्रांतीय असेंबली की सदस्य मंगला शर्मा भी शामिल थीं. प्रदर्शनकारी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अब इस तरह की घटनाएं बंद होनी चाहिए.
इस बीच पुलिस ने हमले के सिलसिले में 45 लोगों को हिरासत में लिया है. जिला पुलिस प्रमुख इराफनुल्लाह खान ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि इनमें स्थानीय मौलवी मौलाना शरीफ भी शामिल है, जिस पर भीड़ को भड़काने का आरोप है. खान ने बताया कि पुलिस को मौलाना मिर्जा अकीम की भी तलाश है जो जमीयत उलेमा ए इस्लाम (जेयूआई-एफ) का जिला प्रमुख है. जेयूआई-एफ पाकिस्तान की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टियों में से एक है.
उधर, पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल हक कादरी ने मंदिर पर हमले को "सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए खिलाफ साजिश" बताया. उन्होंने ट्वीट किया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों पर हमलों की इस्लाम में इजाजत नहीं है और "अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी की रक्षा करना हमारी धार्मिक, संवैधानिक, नैतिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी है." पिछले साल अमेरिका ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में रखा जहां धार्मिक आजादी के उल्लंघन की स्थिति गंभीर है.