अंतरराष्ट्रीय

युद्ध में उलझे देशों को जर्मनी ने बेचे एक अरब यूरो से ज्यादा के हथियार
04-Jan-2021 7:19 PM
युद्ध में उलझे देशों को जर्मनी ने बेचे एक अरब यूरो से ज्यादा के हथियार

जर्मनी ने 2020 में मध्य पूर्व में 1 अरब यूरो से ज्यादा के हथियारों के समझौतों को मंजूरी दी. ऐसे देशों को भी हथियार बेचे गए जो लीबिया और यमन यद्धों में उलझे हैं. जर्मनी दुनिया के पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातकों शामिल है.
   डॉयचे वैले पर मार्टिन मिषाएल का लिखा -

जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए ने आर्थिक मंत्रालय का हवाला देते हुए मध्य पूर्व के देशों को होने वाले जर्मन हथियारों के निर्यात पर रिपोर्ट दी है. इसके मुताबिक 17 दिसंबर तक मिस्र को 75.2 करोड़ के हथियार और सैन्य उपकरण निर्यात करने की अनुमति दी गई. इसी तरह कतर को 30.5 करोड़ यूरो, संयुक्त अरब अमीरात को 5.1 करोड़ यूरो, कुवैत को 2.34 करोड़ यूरो और तुर्की को 2.29 करोड़ यूरो के हथियार निर्यात करने की अनुमति दी गई.

इसके अलावा जॉर्डन को 17 लाख यूरो और बहरीन को 15 लाख यूरो लाइसेंस दिए गए. हथियारों के निर्यात से जुड़ा यह ब्यौरा ग्रीन पार्टी के सांसद ओमिद नोरोपुर की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में आर्थिक मंत्रालय ने दिया है.

यमन और लीबिया से संबंध

मध्य पूर्व के जिन देशों को जर्मनी ने हथियार निर्यात करने की मंजूरी दी है, उनमें से सभी के तार किसी ना किसी तरह यमन और लीबिया के युद्धों से जुड़े हैं. यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन शिया हूथी बागियों के खिलाफ लड़ रहा है जिन्हें ईरान का समर्थन मिल रहा है. यह लड़ाई 2014 से चल रही है. सऊदी अरब के गठबंधन में संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, कुवैत, जॉर्डन और बहरीन शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि यमन में छह साल से चल रहे युद्ध में अब तक लगभग 2.33 लाख लोग मारे गए हैं. इनमें वे 1.31 लाख लोग भी शामिल हैं जो युद्ध से होने वाली खाने की किल्लत, स्वास्थ्य देखभाल का आभाव और बुनियादी ढांचे की कमी जैसी समस्याओं के कारण मारे गए हैं.

उधर लीबिया में भी 2014 से जारी युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. इस युद्ध में तुर्की और कतर त्रिपोली से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संगठन प्रधानमंत्री फयाज अल सराज सरकार का साथ दे रहे हैं. वहीं जनरल खलीफा हफ्तार के नेतृत्व वाले बागी खेमे को संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र का समर्थन प्राप्त है. अभी लीबिया में युद्ध विराम है, जिससे संकट खत्म होने की उम्मीद बढ़ती है.

हथियारों की होड़

दुनिया भर में हथियारों की खरीद फरोख्त पर नजर रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) का कहना है कि जर्मनी हथियारों का निर्यात करने वाले पांच सबसे बड़े देशों में शामिल हैं. उसके अलावा इस फेहरिस्त में अमेरिका, रूस फ्रांस और चीन शामिल हैं.

सिपरी की रिपोर्ट कहती है कि 2015 से 2019 के बीच दुनिया भर में होने वाले हथियार के निर्यात में 76 फीसदी इन्हीं पांच देशों ने किया है.(dw.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news