कारोबार
हैदराबाद, 8 जनवरी। एनएमडीसी के सीएमडी सुमित देब ने बताया कि देश के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एवं लौह अयस्क कंपनी एनएमडीसी ने तेलंगाना में विद्यालयों में हर्बल पौधारोपण के माध्यम से निवारक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ाने के लिए एक संयुक्त पहल का कार्यान्वयन करने के लिए मेसर्स सांतिगिरी इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस (सांतिगिरी आश्रम, तिरूवनन्तपुरम की एक इकाई) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
श्री देब ने बताया कि एनएमडीसी हमेशा ही सामुदायिक विकास के कार्यों में अग्रणी रहा है। इसी के एक भाग के रूप में एनएमडीसी अपने प्रचालन के क्षेत्रों में एक जीवंत तथा बहुमुखी सीएसआर कार्यक्रम का कार्यान्वयन कर रहा है। एनएमडीसी के सीएसआर कार्यक्रमों का एक प्रमुख केंद्र शिक्षा है। एनएमडीसी यह विश्वास करता है कि समुदायों के विकास में शिक्षा एक परिवर्तनकारी भूमिका अदा करती है। एनएमडीसी अपने प्रचालन के क्षेत्रों के आसपास सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आवश्यक शैक्षिक सुविधाओं तथा संस्थाओं की स्थापना करके शिक्षा के क्षेत्र में योगदान कर रहा है।
सम्पूर्ण शिक्षा की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए एनएमडीसी ने पारंपरिक साधनों के माध्यम से निवारक स्वास्थ्य देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए सामाजिक क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित संस्थान सांतिगिरी के प्रस्ताव को उपयुक्त समझा। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों में निवारक आहार नियमों की आदत डालने तथा पारंपरिक चिकित्सकीय पौधों के बारे में जानने एवं उनके लाभों को समझने में सहायता करना है जिससे कि वायरल संक्रमणों तथा कोरोना जैसी महामारियों के विरूद्ध संघर्ष के लिए समाज को सहायता मिल सके।