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भुवनेश्वर, 14 जनवरी। कोविड-19 महामारी ने देश और पूरे विश्व में गतिरोध पैदा कर दिया है। यहां तक कि छात्र समुदाय सबसे अधिक प्रभावित शैक्षणिक गतिविधियों में से एक है, अभी तक स्कूल और कॉलेज फिर से आरम्भ नहीं हुए हैं - के.आई.आई.टी. डीम्ड विश्वविद्यालय ‘न्यू नार्मल’ के अनुकूल होने वाला पहला संस्थान था। यह लॉकडाउन के आरम्भ से ही 50 देशों में अपने 30,000 छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आरंभ करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय है। ऑनलाइन अध्यापन-शिक्षण, जो सफलतापूर्वक और प्रभावी रूप से जारी है, ने विश्वविद्यालय को अपने शैक्षिक कार्यक्रम को पूरी तरह से बनाए रखने में मदद की है। केआईआईटी ने अपनी अच्छी तकनीक और उच्च इंटरनेट बैंडविड्थ के कारण वर्चुअल मोड पर परीक्षाओं, दीक्षांत समारोहों, सेमिनारों, कार्यशालाओं आदि जैसी सभी अकादमिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित किया है।
वर्ष 1992 में एक प्रतिष्ठित व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में के.आई.आई.टी. की स्थापना प्रख्यात शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता प्रो. अच्युत सामंत ने की थी। हालांकि, इसे 1997 में उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में खोला गया था, जिसे आधार वर्ष माना जाता है। वर्ष 2001 में डिग्री इंजीनियरिंग के छात्रों का पहला बैच पास आउट हुआ था। के.आई.आई.टी. अपनी स्थापना के बाद से कैम्पस प्लेसमेंट में बहुत सफल ट्रैक रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। इस प्रवृत्ति (ट्रेंड) को बनाए रखते हुए, इसने 2019-20 के स्नातक बैच के लिए उत्कृष्ट कैम्पस प्लेसमेंट हासिल किया है।
प्रचलित महामारी की स्थिति के बावजूद भी विश्वविद्यालय अपने 2020-21 के पास आउट बैच के लिए रिकॉर्ड कैम्पस प्लेसमेंट प्राप्त करने के लिए ट्रैक पर है। यह प्रक्रिया, जो 1 जुलाई से ऑनलाइन आरम्भ हुई थी, पहले से ही के.आई.आई.टी. डीम्ड विश्वविद्यालय के स्कूल्स ऑफ टेकनोलोजी (एस.ओ.टी.) के लगभग 80 प्रतिशत योग्य छात्रों के परिणामस्वरूप हुई है।
कोविड-19 की निराशा को झकझोरते हुए, वर्ष 2021 पासिंग आउट बैच के लिए कैम्पस प्लेसमेंट हेतु 90 कम्पनियों ने ऑनलाइन दौरा किया है और 3500 जॉब ऑफर दिए हैं। 2500 एस.ओ.टी. छात्रों को पहले से ही विभिन्न राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में रखा गया है। 1000 से अधिक छात्रों के हाथों में कई प्रस्ताव हैं।