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नहीं रहे ट्रीमैन गैंदलाल देशमुख
15-Jan-2021 1:58 PM
नहीं रहे ट्रीमैन गैंदलाल देशमुख

प्रदेश में पर्यावरण की अलख जगाई थी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 15 जनवरी। 
पांच  एकड़ बंजर जमीन को जंगल बनाकर एवं अपने गांव कोडिय़ा से लेकर महाराजा चौक दुर्ग तक सडक़ के दोनों किनारे 300 बरगद, पीपल, नीम के पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण की दुर्ग जिले एवं प्रदेश में अलख जगाने वाले ट्रीमैन के नाम से विख्यात पर्यावरण प्रेमी गैंदलाल देशमुख नहीं रहे।

14 -15 जनवरी की दरमियानी रात 12 बजे जिला अस्पताल दुर्ग में इलाज के दौरान उनका निधन हुआ। वे 94 वर्ष के थे। विगत एक सप्ताह से जिला अस्पताल में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 10 बजे उनके द्वारा तैयार किये गये जंगल में किया गया। वे पत्नी देवकी बाई, पुत्र महावीर देशमुख , पुरुषोत्तम देशमुख सहित भरापूरा परिवार छोड़ गए।

पर्यावरण प्रेमी श्री देशमुख को पर्यावरण संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री सहित अनेक संस्था सम्मानित कर चुके हैं। पर्यावरण के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों की भनक दिल्ली तक भी पहुंच चुकी है। उन्होंने अपने कार्यों को देखने के लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी पत्र लिखा था। अपना तन मन धन पर्यावरण के प्रति समर्पित कर जीवन पर्यंत कार्य करने वाले पर्यावरण प्रेमी को उनके कार्यों का प्रशासन द्वारा उचित सम्मान नहीं मिल पाया। पर्यावरण संरक्षण के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों तक से वंचित रहे। 

उन्होंने अपने जीवन के अंतिम समय तक जिस 5 एकड़ बंजर जमीन को जंगल बनाया है, उसके पट्टे के लिए संघर्ष करते रहे। साथ ही कुछ दिनों पूर्व ही उन्होंने बोरसी -हनोद-कोडिय़ा-पाऊवारा मार्ग के चौड़ीकरण के दौरान अपने द्वारा सडक़ के दोनों छोर पर रोपे गए पेड़ों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने सडक़ किनारे रोपे गए अपने पेड़ों को चौड़ीकरण के दौरान सुरक्षित रखने की गुहार भी लगाई थी। 

पर्यावरण कार्यकर्ता  एवं हितवा संगवारी संस्था के संयोजक रोमशंकर यादव ने श्री देशमुख द्वारा जिस 5 एकड़ बंजर जमीन पर जंगल तैयार किया गया है, उसे गैंदलाल देशमुख स्मृति उपवन के नाम से पर्यटक स्थल के रूप में शासन प्रशासन द्वारा संरक्षित करने श्री देशमुख द्वारा ग्राम कोडिय़ा से महाराजा चौक दुर्ग तक जिस मार्ग के दोनों छोर पौधरोपण किए गए हैं, उसका नामकरण पर्यावरण प्रेमी गेंदलाल देशमुख मार्ग रखे जाने एवं उनके ग्राम कोडिय़ा को जाने वाले बोरसी चौक में श्री देशमुख की प्रतिमा स्थापित किए जाने की मांग की है, ताकि आने वाली पीढ़ी उनसे पर्यावरण के कार्य के लिए प्रेरित होते रहे। 

पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले हितवा संगवारी डुंडेरा, पर्यावरण मित्र रिसाली, युवा सृजनशील संगठन पीसे गांव के पर्यावरण कार्यकर्ताओं सहित अनेक लोगों ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए शोक व्यक्त किया है। 

 

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