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हैदराबाद, 19 जनवरी। एनएमडीसी के सीएमडी सुमित देब ने बताया कि भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एवं लौह अयस्क कंपनी एनएमडीसी ने एक और उपलब्धि हासिल की है। एनएमडीसी के बैलाडीला लौह अयस्क खान, किरंदुल काम्प्लेक्स को अपनी सीएसआर गतिविधियों के अंतर्गत शिक्षा को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता के लिए एपेक्स इंडिया फाउंडेशन द्वारा मेटल एवं माइनिंग क्षेत्र में प्लेटिनम अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
श्री देब ने बताया कि एनएमडीसी को यह अवार्ड बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपनी शिक्षा सहयोग योजना के माध्यम से किए गए सीएसआर क्रियाकलापों के लिए प्रदान किया गया। यह अनूठी छात्रवृत्ति योजना बस्तर क्षेत्र, छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में विद्यार्थियों को आठवीं कक्षा के बाद से स्नातक स्तर तक इंजीनियरिंग एवं चिकित्सा में अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रदान की जाती है।
श्री देब ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत कक्षा-9 के बाद स्नातक स्तर तक शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति डाकघर/बैंकों में उनके व्यक्तिगत खातों के माध्यम से प्रदान की जाती है। एनएमडीसी ने यह छात्रवृत्ति योजना 2008-09 में जनजातीय विद्यार्थियों को प्रणालीबद्ध शिक्षा में शामिल करने तथा उनके द्वारा विद्यालय छोडऩे की दर को कम करने को प्रोत्साहन देते हुए शिक्षा के माध्यम से वंचित वर्ग के उत्थान के उद्देश्य से प्रारंभ की गई थी। इस योजना से अब तक समाज के वंचित वर्ग के 18000 से अधिक विद्यार्थी लाभांवित हुए हैं।
श्री देब ने बताया कि एनएमडीसी के सीएसआर कार्यक्रमों में शिक्षा एक प्रमुख पहल रहती है। सुदूरवर्ती, सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों तथा जनजातियों की बड़ी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में अपने प्रचालनों को देखते हुए एनएमडीसी प्राथमिक विद्यालयों से लेकर व्यावसायिक संस्थाओं जैसे कि पॉलिटेक्निक आदि को एक ही परिसर में संचालित करता है जिसमें आस्था गुरूकुल जैसा आवासीय विद्यालय जिसकी क्षमता 1200 विद्यार्थियों की है तथा विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए 100 प्रतिशत हितैषी सक्षम जैसे आवासीय विद्यालय शामिल हैं। शिक्षा का यह अवसर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तथा स्थानीय जनजातीय विद्यार्थियों को प्रदान किया जा रहा है।