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सीरिया में इस्लामिक स्टेट को पाकिस्तान से फ़ंड कैसे मिलता है?
20-Jan-2021 7:48 PM
सीरिया में इस्लामिक स्टेट को पाकिस्तान से फ़ंड कैसे मिलता है?

पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर, कराची में, आतंकवाद निरोधक पुलिस ने एक गिरोह का पता लगाने का दावा किया है. उनके अनुसार, ये गिरोह सीरिया में तथाकथित इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों को डिज़िटल मुद्रा 'बिटकॉइन' के ज़रिए फ़ंड मुहैया करा रहा है.

पुलिस ने कराची में एनईडी विश्वविद्यालय के एक छात्र मोहम्मद उमर बिन ख़ालिद को भी गिरफ़्तार किया है. पुलिस के अनुसार, वह (मोहम्मद उमर बिन ख़ालिद) "इस्लामिक स्टेट की महिलाओं के साथ संपर्क में था."

हालांकि, गिरफ़्तार छात्र की माँ ने, इससे पहले उनकी दिसंबर में हुई गिरफ़्तारी के समय उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में उन्होंने कहा था कि उनके बेटे का "किसी भी संगठन से कोई संबंध नहीं है."

संदिग्ध व्यक्ति की दोबारा गिरफ़्तारी

सोमवार को, आतंकवाद रोधी विभाग सीटीडी के डीआईजी उमर शाहिद ने एसपी राजा उमर के साथ, एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बताया, "अभियुक्त मोहम्मद उमर बिन ख़ालिद को केंट स्टेशन से गिरफ़्तार किया गया है. उन्हें इससे पहले 17 दिसंबर को भी हिरासत में लिया गया था."

उनका कहना था कि सीटीडी को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग "पाकिस्तान से फ़ंड इकट्ठा कर रहे हैं और इस फ़ंड को विभिन्न माध्यमों से इस्लामिक स्टेट के लिए विदेश भेज रहे हैं".

गिरफ़्तारी के समय मोहम्मद उमर बिन ख़ालिद के पास से दो मोबाइल फ़ोन भी बरामद किए गए थे. लेकिन उस समय कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं थे, इसलिए उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया था.

'मोबाइल फ़ोन ने हटाया राज़ से पर्दा'

उमर शाहिद हामिद ने कहा कि गिरफ़्तार अभियुक्त के पास से बरामद मोबाइल फ़ोन की फ़ॉरेंसिक जाँच कराई गई थी. जिससे पता चला कि अभियुक्त का संबंध इस्लामिक स्टेट से है. वह उस गिरोह का हिस्सा है, जो पाकिस्तान से पैसा इकट्ठा करता है और उसे सीरिया भेजता है.

"अभियुक्त का सीरिया और पाकिस्तान में उनकी महिलाओं के माध्यम से आतंकवादियों से सीधा संपर्क है."

उन्होंने कहा कि अज्ञात व्यक्ति ईज़ीपे (मोबाइल नंबरों के ज़रिए ऑनलाइन मनी ट्रांसफ़र ऐप) के माध्यम से पैसे भेजते थे.

यह पैसा उमर को भेजा जाता था, जो ख़ुद भी यह पैसा हैदराबाद में ज़िया नाम के एक व्यक्ति को ईज़ीपे से भेजता था. वह आदमी इस रक़म को डॉलर में बदल कर बिटकॉइन के ज़रिए सीरिया में आतंकवादियों को ट्रांसफ़र करता था.

उनका कहना था कि पैसा मिलने के बाद ये लोग उमर बिन ख़ालिद को सूचित कर देते थे. यह पिछले दो साल से चल रहा है.

'महिलाओं के माध्यम से संपर्क'

बीबीसी से बात करते हुए, एसपी राजा उमर ख़त्ताब ने दावा किया है कि पहली बार आतंकवादी संगठनों को आधुनिक मुद्रा पहुँचाने का मामला सामने आया है.

वो बताते हैं, "उमर व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं बल्कि वैचारिक रूप से इस्लामिक स्टेट से जुड़े हुए थे."

"सीरिया में मौजूद इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के परिवार की महिलाएँ, जो उर्दू बोलना भी जानती हैं, वो ट्विटर और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से संपर्क करती हैं और हमदर्दी हासिल करती हैं."

"इसके बाद वो फ़ंड्स के लिए कहती हैं. इस संबंध में, अगर कोई पैसा देने के लिए तैयार हो जाए, तो फिर उन्हें उमर से संपर्क करने के लिए कहा जाता है."

सीटीडी के अनुसार, उमर ज़मानत पर रिहा होने के बाद फ़रार हो गया था. उन्हें सूचना मिली थी कि वो ट्रेन से कराची से भागने की फ़ि

कौन हैं मोहम्मद उमर बिन ख़ालिद?

मोहम्मद उमर बिन ख़ालिद एनईडी इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय में अंतिम वर्ष के छात्र हैं. उनकी माँ तैयबा ख़ालिद ने उनकी गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी.

उस याचिका में कहा गया था कि उमर को "17 दिसंबर को उठाया गया था, इस बारे में सबूत के तौर पर पुलिस मोबाइलों की फ़ुटेज भी मौजूद है."

"इसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है."

कोर्ट ने गृह विभाग, डीजी रेंजर्स और अन्य को नोटिस जारी किए थे. याद रहे कि इससे पहले भी, कराची विश्वविद्यालय के छात्रों को इस्लामिक स्टेट के साथ निकटता और हमलों में शामिल पाया गया है.

हाल के वर्षों में, सफूरां में इस्माइली समुदाय की एक बस पर हमले में कई युवाओं की गिरफ़्तारी हो चुकी है.

पुलिस के अनुसार, सफूरां घटना में शामिल एक सामाजिक कार्यकर्ता साद अज़ीज़, सबीन महमूद की हत्या का भी मास्टरमाइंड था.

वह कराची विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन से पढ़े हुए थे, जबकि उनके सहयोगी मोहम्मद अज़हर इशरत नामक अभियुक्त इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर थे.

इसके अलावा, एक अन्य अभियुक्त हाफ़िज़ नासिर हुसैन ने भी कराची विश्वविद्यालय से ही इस्लामिक स्टडीज़ में एमए की हुई थी.

एमक्यूएम पाकिस्तान के नेता और सिंध विधानसभा के विपक्षी नेता ख़्वाजा इज़हार पर हमले के अभियुक्त भी विश्वविद्यालय के पढ़े हुए थे. पुलिस के अनुसार, ये अंसार अल-शरिया नामक एक संगठन से जुड़े हुए थे. इस संगठन का गठन "इस्लामिक स्टेट से नाराज़ युवाओं" ने किया था.

बिटकॉइन क्या है?

डिज़िटल मुद्रा, जैसे कि बिटकॉइन, मुख्य रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक स्तर पर भुगतान या पेमेंट का तरीक़ा है. आप इससे ख़रीदारी कर सकते हैं. लेकिन अभी तक यह केवल कुछ जगहों पर ही ख़र्च किया जा सकता है. इसके ज़रिए आप वीडियो गेम या सोशल नेटवर्क पर भुगतान कर सकते हैं.

क्रिप्टो करेंसी का कारोबार दुनिया भर के कई देशों में किया जा रहा है. हालांकि, पाकिस्तान में मई 2017 में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने इस मुद्रा के उपयोग, ख़रीद और बिक्री को ग़ैर-क़ानूनी घोषित किया था.

दो सप्ताह पहले प्रकाशित होने वाले एक लेख के अनुसार, क्रिप्टो करंसी बिटकॉइन की क़ीमत, इतिहास में उच्चतम स्तर पर पहुँच गई थी और एक बिटकॉइन की क़ीमत तीस हज़ार अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गई है.

इस वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी की क़ीमत 35 हज़ार नौ सौ सैंतीस अमरीकी डॉलर तक पहुँच गई है.(bbc.com/hindi)

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