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बाइडन से चीन के मीडिया की अपील, ‘कुछ हासिल करना है तो तनाव कम कीजिए’
22-Jan-2021 7:56 AM
बाइडन से चीन के मीडिया की अपील, ‘कुछ हासिल करना है तो तनाव कम कीजिए’

चीन के सरकारी मीडिया ने जो बाइडन से चीन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को पलटने की अपील की है ताकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध फिर से पटरी पर आ सकें.

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने उन मुद्दों को प्राथमिकता दी है जिसे बाइडन ने अपने संबोधन में चुनौतियों के तौर पर रेखांकित किया है.

बाइडन ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में कोविड-19 महामारी, सामाजिक असमानता, नस्लीय भेदभाव और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को चुनौतियां बताया है.

शपथ ग्रहण समारोह में ट्रंप की अनुपस्थिति को भी एजेंसी ने ख़बर बनाते हुए लिखा है कि ट्रंप ने किस तरह से परंपरा तोड़ दी.

शिन्हुआ की अंग्रेज़ी वेबसाइट ने बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह को कोविड महामारी के चलते आंशिक लॉकडाउन और छह जनवरी को कैपिटल हिल की हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था के कारण असामान्य बताया है.

चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने चीनी और अंग्रेज़ी में लिखे अपने संपादकीय में सत्ता हस्तांतरण को ट्रंप की ग़ैर-मौजूदगी के चलते सद्भावपूर्ण नहीं माना है. ट्रंप ने 19 जनवरी के अपने विदाई भाषण में चीन के ख़िलाफ़ सख़्ती से खड़े होने की अपील की थी, इसको चीनी मीडिया में उपहास के तौर पर देखा गया है.

बाइडन के सहयोगी ने 19 जनवरी को चीन के प्रति सख़्त रवैया जाहिर किया था.

इसको ध्यान में रखते हुए अख़बार ने लिखा है, "अगर बाइडन की टीम अगले चार सालों में कुछ हासिल करना चाहती है तो चीन के साथ संबंधों को सहज बनाना ही एकमात्र विकल्प है."

संपादकीय में बाइडन प्रशासन से अपील की है कि गंभीर मतभेदों को संभालते हुए उनमें चीन के साथ सहयोग का साहस होना चाहिए.

चीन के दूसरी सरकारी मीडिया आउटलेट्स ने भी बाइडन प्रशासन पर अमेरिका-चीन संबंधों को बेहतर करने के लिए दबाव बनाया है.

शिन्हुआ के अंग्रेज़ी कमेंट्री सेक्शन में कहा गया है कि बाइडन प्रशासन को डोनाल्ड ट्रंप से विरासत में अमेरिका और चीन के तनाव भरे संबंध मिले हैं. इसमें कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन में ऐसे लोग शामिल थे जो अंतिम दिनों में भी चीन विरोधी उन्माद से काम कर रहे थे.

इसमें कहा गया है, "अमेरिका के नए राष्ट्रपति को बीजिंग प्रशासन के साथ तनाव को कम करना चाहिए और दोनों देशों के आपसी संबंधों को पटरी पर लाने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करना चाहिए. अब यह बाइडन प्रशासन पर निर्भर है कि वो तर्कसंगत फ़ैसले ले और सही चीज़ों को करे."

सरकारी अख़बार बीजिंग न्यूज़ ने भी चीन को लेकर ट्रंप की नीतियों को पलटने की अपील बाइडन प्रशासन से की है. अख़बार ने उम्मीद जताई है कि बाइडन दोनों ताक़तवर देशों के बीच नए तरह के संबंध बनाने की शुरुआत करेंगे.

अख़बार ने अपने कमेंट्री सेक्शन में लिखा है, "बाइडन ने शपथ ग्रहण के दौरान क्या कहा, उस पर ध्यान देने के बदले भविष्य में वे क्या कहते हैं और क्या करते हैं, ये देखना होगा. अमेरिका चीन के साथ तनाव को कम करके सहयोग बढ़ाना चाहता है तो बाइडन प्रशासन को ट्रंप प्रशासन के कुछ फ़ैसलों को सही करना होगा और यह दिखाना होगा कि चीन के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाने के प्रति उनकी निष्ठा है."

अंग्रेज़ी सरकारी अख़बार चाइना डेली के यूरोप ब्यूरो चीफ़ चेन वेहुआ ने अंतरराष्ट्रीय पाठकों को ध्यान में रखते हुए लिखा है कि बाइडन को उन नीतियों को सही करना होगा जो चीन को नुक़सान पहुंचाने वाली थीं, इनमें दंडात्मक शुल्क, चीन की तकनीकी कंपनियों पर पाबंदी और कंफ्यूशियस इंस्टीट्यूट को लेकर जानबूझकर डर फैलाना शामिल है.

कई मीडिया आउटलेट्स ने ताइवान को लेकर बाइडन प्रशासन से सीमा नहीं लांघने की अपील की है.

बीजिंग प्रशासन ताइवान को चीन का हिस्सा मानता है. ताइवान की स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले लोगों को ट्रंप प्रशासन के समर्थन के मुद्दे पर चीन पहले भी आपत्ति जता चुका है. जब अमेरिका ने ताइपे के साथ अनाधिकारिक बातचीत पाबंदी हटाई थी, तब भी चीन ने अमेरिका को बदले की कार्रवाई के लिए चेताया था.

शिन्हुआ की अंग्रेज़ी वेबसाइट ने बाइडन प्रशासन से अपील की है कि वे ना तो ताइवान के मुद्दे पर चीन को चुनौती दें और ना ही साउथ चाइना सी सीमा विवाद में दख़ल दें. इस आलेख में यह भी कहा गया कि अगर अमेरिका चीन की सरकारी व्यवस्था को सामने रखकर चीन के प्रति नीतियों को तैयार करता है तो वह कहीं नहीं पहुंचेगा.

इसमें यह भी कहा गया है, "चीन-अमेरिका के आपसी संबंधों का पटरी पर लौटना बाइडन प्रशासन पर निर्भर है. दोनों दोशों के आपसी संबंधों के लिए एक दूसरे की सीमा को समझना होगा. जलवायु परिवर्तन जैसे दूसरे मुद्दों पर सहयोग के अवसर तलाशने होंगे."

ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित चीनी और अंग्रेज़ी में छपे संपादकीय में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन और ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की आपसी मिलीभगत के चलते बाइडन को ताइवान स्ट्रीट में नई चुनौतियों का सामना करना होगा. संपादकीय में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि द्वीप का भाग्य अमेरिका नहीं बीजिंग ही तय करेगा. (बीबीसी)

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