राष्ट्रीय
प्रभाकर मणि तिवारी
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
शुक्रवार को वन मंत्री राजीव बनर्जी ने मंत्रिमण्डल से इस्तीफ़ा दे दिया था. उसके बाद टीएमसी ने अनुशासनहीनता के आरोप में हावड़ा ज़िले की बाली सीट से विधायक और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया को पार्टी से निकाल दिया है.
वैशाली ने हाल ही में पार्टी नेतृत्व और ख़ासकर हावड़ा ज़िले के मंत्री अरूप राय के कामकाज पर सवाल उठाते हुए सार्वजनिक रूप से उनकी आलोचना की थी.
बताया गया है कि पार्टी की अनुशासन समिति की बैठक में वैशाली डालमिया को पार्टी से निकालने का निर्णय लिया गया.
वैशाली ने हाल ही में खेल और युवा कल्याण मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ल के इस्तीफ़े के बाद भी पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाये थे.
उन्होंने कहा था कि पार्टी के कुछ नेता दूसरों को काम नहीं करने दे रहे हैं.
इसी तरह राजीव बनर्जी के इस्तीफ़े के बाद उनका कहना था कि अब राजीव को मीर जाफ़र की उपाधि दे दी जाएगी.
टीएमसी के हावड़ा ज़िला अध्यक्ष और मंत्री अरूप राय कहते हैं, "पार्टी में रहकर उसके ख़िलाफ़ लगातार बयान देने वाले संगठन को नुक़सान पहुँचा रहे हैं. वैशाली को निकालने का फ़ैसला सही है. अगर किसी को शिक़ायत थी तो सार्वजनिक तौर पर कहने की बजाय पार्टी के भीतर अपनी बात रखनी चाहिए थी."
दूसरी ओर, पार्टी से निकाले जाने के बाद वैशाली ने एक बार फिर टीएमसी नेतृत्व और उसके ज़िला स्तर के नेताओं पर करारा हमला किया है.
उन्होंने कहा, "आम लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. विधायकों के पास राहत का पैसा नहीं पहुँच रहा. अंफान तूफ़ान से हुए नुक़सान के मद में भी कोई राहत नहीं मिली. कोविड-19 के दौरान लोगों को जितना चावल दिया जाना था, उसमें भी कटौती की जा रही है. अगर लोगों के सुख-दुख में उनके साथ खड़ा रहना पार्टी-विरोधी काम है, तो मैंने ऐसा किया है. कुछ लोग दीमक की तरह पार्टी को खोखला करने में जुटे हैं."
क्या वैशाली बीजेपी में शामिल होंगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा, "देखते हैं." (bbc.com)