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ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई के एक ट्वीट को लेकर खड़ा हुआ विवाद सोशल मीडिया पर गर्माया हुआ है.
ख़ामेनेई ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से ईरानी सैन्य कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी के क़त्ल का बदला लेने की बात कही.
बाद में सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने इस ट्वीट के लिए ख़ामेनेई का ट्विटर अकाउंट निलंबित कर दिया.
कंपनी के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में कहा कि '@khamenei_site एक फ़र्जी अकाउंट था जिसने ट्विटर के नियमों का उल्लंघन किया और इसीलिए इस अकाउंट को बंद कर दिया गया है.'
इस विवादित ट्वीट का स्क्रीनशॉट अब भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है जिसमें ट्रंप की तरह दिखने वाले एक शख़्स को लड़ाकू विमान या किसी बड़े ड्रोन के साये में गोल्फ़ खेलता हुआ दिखा गया है.
यही तस्वीर ख़ामेनेई की वेबसाइट पर भी इस्तेमाल की गई है जिसपर लिखा है, "बदला लाज़िमी है."
जिस ट्वीट को अब ट्विटर ने हटा दिया है, उसमें भी यही लिखा था कि "बदला लाज़िमी है." फ़ारसी भाषा में लिखे उस ट्वीट में 'बदला' शब्द लाल रंग से लिखा गया था.
ट्वीट में यह भी लिखा था कि "सुलेमानी के क़ातिल और जिसने उनके क़त्ल का हुक्म दिया, उसे क़ीमत चुकानी होगी.''
जनरल क़ासिम सुलेमानी के नेतृत्व में ईरान ने इराक़ और सीरिया के कई सैन्य गुटों की मदद करके अपनी जड़ें मज़बूत कर लीं थीं.
क़रीब एक साल पहले अमेरिका ने एक ड्रोन हमले के ज़रिए जनरल सुलेमानी की हत्या कर दी थी, जब वे बग़दाद गए हुए थे.
उस समय राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि 'जनरल सुलेमानी लाखों लोगों की मौत के लिए ज़िम्मेदार थे.'
इसके बाद ईरान ने बदले की कार्रवाई करते हुए इराक़ में स्थित अमेरिकी एयरबेस पर कुछ मिसाइलें दाग़ी थीं.
तब ख़ामेनेई ने कहा था कि 'मुजरिमों से सख़्त बदला लिया जाएगा.'
ट्विटर पर बहुत से लोगों ने 'ख़ामेनेई के इस ट्वीट' पर आपत्ति जताते हुए उनके ट्विटर अकांउट पर पाबंदी लगाने की माँग की थी. लोगों ने यह तर्क दिया था कि 'जब ट्विटर डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकता है, तो ख़ामेनेई के ख़िलाफ़ क्यों नहीं?'
दरअसल, वॉशिंगटन स्थित कैपिटल हिल पर ट्रंप समर्थकों के हमले के बाद ट्विटर ने डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट पर पाबंदी लगा दी थी. ट्विटर ने तब भी ये कहते हुए कार्रवाई की थी कि 'उन्होंने ट्विटर के नियम-कायदों का उल्लंघन किया.'
इस महीने की शुरुआत में भी ट्विटर ने ख़ामेनेई के एक ट्वीट को बैन किया था जिसमें उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन में बनी कोविड वैक्सीन को 'भरोसा न करने लायक' बताया था. (bbc.com)