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सुश्री दिब्यदर्शिनी प्रधान: पूर्व से निकलीं स्पिन जादूगर
23-Jan-2021 1:35 PM
सुश्री दिब्यदर्शिनी प्रधान: पूर्व से निकलीं स्पिन जादूगर

सुश्री दिब्यदर्शिनी प्रधान ओडिशा से आती हैं, एक ऐसा राज्य जिसकी गिनती देश के क्रिकेट पावर हाउस में नहीं की जाती. लेकिन उन्होंने अपनी दृढ़ता और धीरज से सीमित सुविधाओं में ही क्रिकेट सीखा.

दाएं हाथ की ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़, प्रधान ओडिशा स्टेट टीम के लिए खेलती हैं. उन्होंने घरेलू चैलेंजर्स ट्रॉफ़ी महिला अंडर -23 टूर्नामेंट में इंडिया ग्रीन टीम की कप्तानी की थी, जिसमें वो 2019 में अपनी टीम को फाइनल तक लेकर गईं.

वो 2020 के दौरान यूएई में महिला टी20 चैलेंज में अनुभवी भारतीय क्रिकेटर मिताली राज की कप्तानी में फ्रैंचाइज़ी वेलोसिटी क्रिकेट टीम के लिए खेली थीं. इस टूर्नामेंट का आयोजन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने किया था.

विनम्र शुरुआत
क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाली किसी भी अन्य लड़की की तरह ही प्रधान ने भी अपने मोहल्ले के लड़को के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया था. तब उनकी उम्र सात साल थी.

उस वक़्त उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था कि ये खेल उनकी ज़िंदगी का जुनून और एक करियर ऑप्शन बन जाएगा.

उन्हें तो ये भी नहीं पता था कि भारत की अपनी एक महिला क्रिकेट टीम है और लड़कियां भी पेशेवर रूप से क्रिकेट खेल सकती हैं.

उनके पिता ने उन्हें एथलेटिक्स जैसे किसी अन्य खेल को ज्वाइन करने के लिए मनाने की कोशिश की. लेकिन प्रधान क्रिकेट खेलने के लिए अपना मन बना चुकी थीं.

उन्होंने स्थानीय जागृति क्रिकेट क्लब ज्वाइन कर लिया और कोच खिरोड़ बेहेरा से ट्रेनिंग लेने लगीं.

प्रधान बताती हैं कि अपने करियर के शुरुआती वक़्त में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि क्रिकेट एक महंगा खेल है. वहीं क्रिकेट कल्चर और बुनियादी ढांचे के मामले में भी ओडिशा, महाराष्ट्र या कर्नाटक जैसे राज्यों से पीछे है.

हालांकि जैसे ही प्रधान गंभीरता के साथ क्रिकेट खेलने लगीं तो उनके माता-पिता ने भी उन्हें सपोर्ट करना शुरू कर दिया.

उन्होंने आख़िरकार 2012 में ईस्ट ज़ोन की अंडर -19 महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाई.

वो ओडिशा की सीनियर टीम के लिए भी खेलती हैं और टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट में राज्य की अंडर -23 टीम का नेतृत्व करती हैं.

बढ़ते कदम
प्रधान को बड़ा ब्रेक 2019 में मिला, जब उन्हें घरेलू चैलेंजर्स ट्रॉफ़ी महिला अंडर -23 टूर्नामेंट में इंडिया ग्रीन टीम की कप्तानी के लिए चुना गया.

अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन के साथ, उन्होंने अपनी टीम को टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचाया जहां टीम, इंडिया ब्लू टीम से हार गई.

फिर उन्हें एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के वूमेंस इमर्जिंग एशिया कप 2019 में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया, इस टूर्नामेंट को भारतीय टीम ने जीत लिया.

भारत के लिए सबसे ज़्यादा विकेट लेकर प्रधान ने उस सफलता में अहम भूमिका निभाई.

उसके बाद वेलोसिटी फ्रैंचाइज़ी टीम की ओर से उन्हें 2020 के दौरान यूएई में महिला टी20 चैलेंज में खेलने के लिए चुना गया.

हालांकि प्रधान की टीम उस शॉर्ट टूर्नामेंट में हार गईं. लेकिन वो कहती हैं कि उन्हें टीम के साथ और कुछ शीर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटर्स के ख़िलाफ़ खेलने का बहुत फायदा मिला.

प्रधान अब अपने क्रिकेट करियर को अगले स्तर पर ले जाकर भारतीय महिला सीनियर टीम में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. वो एक दिन भारत के लिए क्रिकेट विश्व कप को उठाने का सपना देखती हैं.

प्रधान के लक्ष्य बड़े हैं, लेकिन वो आर्थिक सुरक्षा के मौलिक मसले को लेकर चिंतित भी रहती हैं.

वो कहती हैं कि केंद्र और राज्य सरकार को देश की प्रतिभाशाली महिला खिलाड़ियों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए.

प्रधान उदाहरण देकर कहती हैं, पूर्वी रेलवे को ओडिशा जैसे पूर्वी राज्यों की और अधिक महिला खिलाड़ियों को नौकरी देनी चाहिए, ताकि वो आजीविका की चिंता किए बगैर अपने खेल पर फोकस कर सकें.

(ये प्रोफाइल सुश्री दिब्यदर्शिनी प्रधानको ईमेल के ज़रिए भेजे गए बीबीसी के सवालों के जवाब के आधार पर तैयार किया गया है)  (bbc.com)
 

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