सामान्य ज्ञान
नागकेसर को नागपुष्प, पुष्परेचन, पिंजर, कांचन, फणिकेसर, स्वरघातन के नाम से जाना जाता है। इसका रंग पीला होता है। नागकेसर खाने में कषैला, रूखा और हल्का होता है। नागकेसर एक पेड़ का फूल है। इसकी सुगंध तेज होती है।
नागकेसर गर्म होती है। यह शरीर की गर्मी को दस्त के द्वारा बाहर निकाल देता है। तृषा (प्यास), स्वेद (पसीना), वमन (उल्टी), बदबू, कुश्ठ, बुखार, खुजली, कफ, पित्त और विष को दूर करता है। नागकेसर ठड़ी प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए लाभकारी है। यह मोटापे को दूर करके रक्तशोधक (खून को साफ करता है) होता है। दांतों को मजबूत और ताकतवर बनता है। नागकेसर को तंत्र के अनुसार एक बहुत ही शुभ वनस्पति माना गया है। काली मिर्च के समान गोल या कबाब चीनी की भांति दाने में डंडी लगी हुई गेरू के रंग का यह गोल फूल होता है। इसकी गिनती पूजा- पाठ के लिए पवित्र पदार्थो में की जाती है। तंत्र के अनुसार नागकेसर एक धनदायक वस्तु है।