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बड़े आविष्कारों के साथ सामने आएगा आईआईटी-दिल्ली : प्रो. राव
25-Jan-2021 8:14 PM
बड़े आविष्कारों के साथ सामने आएगा आईआईटी-दिल्ली : प्रो. राव

नई दिल्ली, 25 जनवरी, गणेश भट्ट | देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में शुमार आईआईटी दिल्ली जल्द ही कई नए आविष्कार देश को समर्पित करने जा रहा है। आईआईटी में प्लेसमेंट और नए कोर्सेज को लेकर क्या माहौल है। कोरोना महामारी के दौरान आईआईटी दिल्ली ने कैसे इसका सामना किया। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने यह सब आईएएनएस को एक विशेष इंटरव्यू में बताया है। प्रश्न- आईआईटी दिल्ली आने वाले दिनों में किन नए अविष्कार को लेकर सामने आएगा?

उत्तर- हम कोरोना की तुरंत जांच करने वाली एक नई प्रकार की किट विकसित कर रहे हैं। यह एक बेहद आधुनिक त्वरित किट होगी। लेकिन इसकी विश्वसनीयता बाजार में मौजूद एंटीजेट किट के मुकाबले कहीं ज्यादा होगी। बड़ी बात यह भी है कि इसकी कीमत बेहद कम है। यह अगले कुछ दिनों में उपलब्ध हो सकेगी। आईआईटी दिल्ली ने एक स्वदेशी एन 95 भी मास्क बनाया है। मात्र 40 रुपये में यह एन 95 मास्क पूरे देश में उपलब्ध कराया जा सकता है।

प्रश्न- क्या इस वर्ष आईआईटी दिल्ली नए कोर्स शुरू करने की स्थिति में है?

उत्तर- हां आईआईटी दिल्ली में कई नए कोर्स शुरू होने जा रहे हैं। डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मैनेजमेंट डिपार्टमेंट से संबंधित कोर्स शुरू किए जाएंगे। हम कई प्रकार के ऑनलाइन कोर्स भी शुरू करने जा रहे हैं। आईआईटी दिल्ली इसी महीने 10 ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इन कार्यक्रमों के पूरा करने वाले छात्रों को आईआईटी दिल्ली की ओर से सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।

प्रश्न- कोरोना ने पूरे विश्व को प्रभावित किया। बीते 100 वर्षों में यह सबसे बड़ी महामारी रही। आईआईटी पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर - मार्च में हमें अपना संस्थान बंद करना पड़ा था। हालांकि हमने इस दौरान कहा कि संस्थान बेशक बंद रहेगा, लेकिन जो लोग कोरोना से संबंधित क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं, चाहे वह उपचार हो, चाहे वह, डायग्नोस्टिक हो या फिर कोरोना रोकथाम के क्षेत्र से जुड़े शोध कार्य हों, उनके लिए प्रयोगशाला खुली रही। हमें इस दौरान इन क्षेत्रों में काम करने के लिए आवश्यक फंड भी मिले।

प्रश्न- कोरोना काल के दौरान आईआईटी दिल्ली ने कौन से बड़े शोध एवं अनुसंधान के कार्य किए हैं?

उत्तर- आईआईटी दिल्ली का हमारा टेक्सटाइल डिपार्टमेंट एक नई तकनीक के साथ आगे आया। यहां जरूरत के समय 'कवच' ब्रांड के नाम से मास्क बनाने का काम किया। इसमें हमने बड़ी कामयाबी हासिल की। अभी तक आईआईटी दिल्ली ने 5 मिलियन मास्क बनाए हैं, इनमें से 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट किए गए हैं। दुनिया की सबसे किफायती आरटी पीसीआर किट हमने 399 रुपये में तैयार की है। इससे पहले देश में विभिन्न स्थानों पर 4500 रुपये में कोरोना का आरटी पीसीआर टेस्ट किया जा रहा था। आज आईआईटी दिल्ली की खोज के कारण आरटी पीसीआर टेस्ट 600 से 800 रुपये में संभव हो पाया है।

प्रश्न- आईआईटी दिल्ली ने इस दौरान शोध एवं रिसर्च कार्यो पर कितना फंड खर्च किया?

उत्तर- कोरोना की रिसर्च पर आईआईटी दिल्ली में लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। आईआईटी दिल्ली में हमने एक आरटी पीसीआर सेंटर बनाया है। कोरोना से बचाव के लिए उपकरण बनाने में हमें विभिन्न इंडस्ट्री से सात-आठ करोड़ रुपए का फंड मिला।

हमने केवल सस्ती आरटी पीसीआर टेस्ट किट ही नहीं बनाई बल्कि, भारत की परंपरागत दवाओं एवं औषधियों में कोरोना से लड़ने की खोज की। आईटी दिल्ली ने अपने शोध में पता लगाया कि कोरोना से लड़ने में अश्वगंधा किस प्रकार फायदेमंद है। यह हमारी एक बड़ी और अहम खोज रही।

प्रश्न- बीते वर्ष रिसर्च और पढ़ाई पर क्या असर पड़ा?

उत्तर- आईआईटी दिल्ली में 1500 विभिन्न प्रकार के कोर्स ऑनलाइन पढ़ाए जा रहे हैं। यह सब कुछ कर पाना बेहद कठिन था। जल्दबाजी में हमें तुरंत सारी प्रक्रिया को ऑनलाइन करना पड़ा। पहले सेमेस्टर में लगभग 20 फीसदी छात्रों के पास लैपटॉप कंप्यूटर जैसे उपकरण उपलब्ध नहीं थे। हमने छात्रों को विकल्प दिया कि आप जहां है, वहीं रहिए। हम आपको उसी स्थान पर इंटरनेट कनेक्शन और लैपटॉप मुहैया कराएंगे। जो छात्र ऐसे स्थानों पर थे, जहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी संभव नहीं हो पा रही थी, उन्हें अपने कैंपस लौटने को कहा और आज लगभग 12 सौ छात्र हॉस्टल में रह रहे हैं।

प्रश्न- आईआईटी की परीक्षा किस प्रकार संभव होंगी?

उत्तर- इस बार फिजिकली कोई भी परीक्षा नहीं ली जा रही है। सभी परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यमों से आयोजित कराई जाएंगी। शिक्षा ऑनलाइन होने के बावजूद हमारा मानना है कि अभी भी ऑनलाइन परीक्षाएं लेना एक बड़ी चुनौती है।

प्रश्न- आईआईटी दिल्ली को अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में बेहतर स्थान दिलाने के लिए आप क्या कर रहे हैं?

उत्तर- ओवर ऑल रैंकिंग और बेहतर करने के लिए हमें और अधिक व्यापक बनना होगा। उदाहरण के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी को लीजिए। वहां एक विशाल मेडिकल स्कूल है। अगर आप स्टैनफोर्ड से आईटी दिल्ली की तुलना करें तो वहां फैकल्टी का एक विशाल नेटवर्क है। मेडिकल से लेकर हम्यूमैनिटी तक के पाठ्यक्रम हैं। वहीं आईआईटी दिल्ली इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अच्छा कर रहा है। बावजूद इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों से इसकी तुलना नहीं की जा सकती। हम इंजीनियरिंग और तकनीक से जुड़े क्षेत्र में दुनिया के 50 सबसे बेहतरीन शिक्षण संस्थानों में शामिल हैं। क्यूएस विश्व रैंकिंग में हमारा स्थान 47वां है।

प्रश्न- विश्व स्तर पर आईआईटी दिल्ली को और बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

उत्तर- आईआईटी दिल्ली को और अधिक व्यापक बनाने के लिए हमने शुरूआत कर दी है। अब हमारे पास एक स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी है। हमने डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइन भी शुरू किया है। इसके साथ ही हम एम्स के साथ मिलकर ज्वाइंट डिग्री कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं।

प्रश्न- इस वर्ष आईआईटी दिल्ली में कैंपस प्लेसमेंट की क्या स्थिति है?

उत्तर- कैंपस प्लेसमेंट अच्छा है। इस मामले में आईआईटी दिल्ली को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। सभी छात्रों को प्लेसमेंट मिली है। हां यह सच है कि पिछले वर्ष कैंपस प्लेसमेंट के मामले में आईटी दिल्ली ने एक ऊंची छलांग लगाई थी। बीते वर्षो के मुकाबले पिछले वर्ष कैंपस प्लेसमेंट सबसे शानदार रहा था। हालांकि इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ोतरी नहीं है, लेकिन कैंपस प्लेसमेंट पिछले वर्ष के बराबर ही रहा है। (आईएएनएस)

 

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