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रूस में सरकार विरोधी बड़े प्रदर्शन, पांच हजार से ज्यादा गिरफ्तार
01-Feb-2021 4:53 PM
रूस में सरकार विरोधी बड़े प्रदर्शन, पांच हजार से ज्यादा गिरफ्तार

रूस में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 5,100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार में किया गया है. विपक्षी नेता एलेक्सी नावाल्नी की पत्नी यूलिया को भी हिरासत में लिया गया है. सरकार ने सुरक्षा बलों की अभूतपूर्व तैनाती की है.

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रविवार को रूस के कई शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे. उनकी मांग है कि विपक्षी नेता नावाल्नी को रिहा किया जाए. राजधानी मॉस्को में सैकड़ों लोगों ने "आजादी" और "पुतिन इस्तीफा दो" के नारों के साथ प्रदर्शन किया. दंगा नियंत्रक पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की. बाद में वे मात्रोस्काया तिशिना जेल की तरफ चले गए जहां नावाल्नी को रखा गया है.

स्थिति पर नजर रखने वाले एक समूह ओवीडी इंफो ने कहा है कि पुलिस ने अब तक 5,100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. अकेले राजधानी मॉस्को में 1,600 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें नावाल्नी की पत्नी यूलिया नावाल्नाया भी शामिल हैं. विपक्षी कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है. प्रदर्शन में हिस्सा लेने से पहले यूलिया ने इंस्टाग्राम पर लिखा था, "अगर आज हम खामोश रहे तो कल वे हममें किसी को भी प्रताड़ित करेंगे."

नावाल्नी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर आलोचक हैं और उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हैं. पिछले दिनों जर्मनी से मॉस्को लौटते ही नावाल्नी को गिरफ्तार कर लिया गया था. बीते साल अगस्त में नावाल्नी को जहर देने की कोशिश की गई, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए जर्मनी लाया गया था.

रूसी विरोध का चेहरा
रूस में विरोध करने वालों के बीच एक बुलंद आवाज और मजबूत छवि अलेक्सेई नावाल्नी की है. नावाल्नी ने 2008 में एक ब्लॉग लिख कर रूसी राजनीति और सरकारी कंपनियों के कथित गंदे कामों की ओर लोगों का ध्यान खींचा. उनके ब्लॉग में लिखी बातें अकसर इस्तीफों की वजह बनती हैं जो रूस की राजनीति में दुर्लभ बात है.


डीडब्ल्यू की मॉस्को संवाददाता एमिली शेरविन का कहना है कि रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों में चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा. उन्होंने ट्वीट किया, "जब भी पुलिस प्रदर्शन वाली जगह पर लोगों को जाने से रोकती थी, तो नावाल्नी के कार्यालय की तरफ से टेलीग्राम पर प्रदर्शन की नई जगह की घोषणा हो जाती. यह अभूतपूर्व है और बेलारूस की याद दिलाता है."

नावाल्नी की टीम का कहना है कि उन्होंने रूस के अलग-अलग 11 टाइमजोनों को देखते हुए देश के 100 शहरों में प्रदर्शनों की योजना बनाई है. मॉस्को में सड़कों पर उतरे लोगों का कहना है कि बात सिर्फ नावाल्नी की नहीं है, बल्कि वे एक बेहतर रूस हासिल करने के लक्ष्य के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं जहां जीने के लिए बेहतर परिस्थितियां हों. एक युवा प्रदर्शनकारी ने एमिली शेरविन को बताया, "मैं इसलिए सड़क पर हूं क्योंकि मेरे देश में जो हो रहा है, उसमें मेरी हिस्सेदारी होनी चाहिए. मुझे यहां रहना है." एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, "यह बहुत अपमान की बात है. उन्होंने हमारा सब कुछ चुरा लिया. मैं एक तेल भंडार के पास रहती हूं और वे लोगों से सब कुछ चुरा रहे हैं."

वहीं, एक प्रदर्शनकारी ने राष्ट्रपति पुतिन पर निशाना साधते हुए कहा, "मेरा दो साल का बेटा है. अगर पुतिन अगले 16 साल तक सत्ता में रहते हैं, जैसा कि उन्होंने योजना बनाई है, तो मेरा बेटा तो बस उनके राज में ही बड़ा होगा और मुझे नहीं लगता कि उससे कुछ भला होने वाला है."

रूस में सरकार विरोधी प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी कहते हैं कि वे एक बेहतर रूस चाहते हैं

चौतरफा निंदा

पुलिस ने चेतावनी दी थी कि रविवार को होने वाले प्रदर्शन गैरकानूनी हैं. गृह मंत्रालय ने कहा कि इनमें हिस्सा लेने वाले को जेल भेजा जाएगा. मॉस्को में प्रदर्शनकारियों की आवाजाही को रोकने के लिए पुलिस ने अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए.

अमेरिका ने रूस में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ होने वाली कार्रवाई की आलोचना की है और नावाल्नी को रिहा करने की मांग की है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने ट्वीट किया, "लगातार दूसरे हफ्ते शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों के खिलाफ रूसी अधिकारियों ने जिस तरह सख्त बल प्रयोग किया है, अमेरिका उसकी निंदा करता है."

रूस ने अमेरिकी आलोचना पर पलटवार करते हुए इसे रूस के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी बताया है.

यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष जोसेफ बोरेल ने भी रूस के घटनाक्रम की आलोचना की है और इसे रूसी अधिकारियों की तरफ से "बल का अनुचित प्रयोग" बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "लोगों को दमन के भय के बिना प्रदर्शन करने का अधिकार होना चाहिए. रूस को अपनी अंतरराष्ट्रीय वचनबद्धताओं का पालन करना चाहिए."

नावाल्नी को रूसी अधिकारियों ने 2014 में मिली निलंबित सजा की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इसी हफ्ते एक अदालत तय करेगी कि उन्हें साढ़े तीन साल की कैद दी जाए या नहीं. रविवार को हुए प्रदर्शन से पहले कई और विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया गया.

एके/एमजे (रॉयटर्स, एपी)

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