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रायपुर, 17 फरवरी। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने बताया कि बसंत पंचमी का पर्व समारोह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर विद्या की देवी मां सरस्वती का पारंपरिक विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। बसंत पंचमी उत्सव के अंतर्गत हिन्दी विभाग के तत्वावधान में महाकवि निराला जयंती पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ऋतुओं का राजा बसंत है। बसंत ऋतु में बसंत पंचमी हमारा सबसे बड़ा सांस्कृतिक पर्व है।
कुलपति डॉ. आर. श्रीधर ने बसंत पंचमी के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि यह दिवस पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। माँ सरस्वती के जन्म की कथा सुनाते हुये उन्होंने कहा कि इसी दिन ब्रह्मा ने अपने कमंडल के जल से सरस्वती को पैदा किया था और सरस्वती के कारण सम्पूर्ण प्रकृति में वाणी का संचार हुआ था। इसी कारण बसंत पंचमी के दिन को वाग्देवी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।